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उज्जैन सहित प्रदेश के दस जिलों में 30 अप्रैल से शुरू होगी घर पहुंच पशु चिकित्सा सेवा


 

    उज्जैन । उज्जैन सहित प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, इंदौर, रायसेन, हरदा, देवास, बड़वानी, अलीराजपुर, सतना जिलों में 10 अप्रैल से फोन नम्बर 1962 पर कॉल करने पर पशुओं के लिये घर पहुँच चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से यह व्यवस्था सभी 51 जिलों में लागू हो जायेगी। पशुपालन मंत्री श्री अन्तरसिंह आर्य ने यह जानकारी दी है।

पिछले कुछ वर्षों में पशुपालकों द्वारा गौवंश को खुला छोड़ने से निराश्रित गौवंश में वृद्धि हुई है। इससे न केवल सड़क हादसे, बल्कि किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि पहले वन भूमि पर गायें चराने की परम्परा थी। वन विभाग से चरणोई के लिये वन भूमि निर्धारित करने की बात की जायेगी। वन में चरने से दुर्घटना और खेत दोनों बचेंगे। श्री अन्तर सिंह आर्य ने कहा कि नर्मदा मिशन में मुख्यमंत्री ने पाँच-पाँच पंचायतों के बीच गौशाला सह-काँजी हाऊस बनाने की बात कही है। इसके लिये मंडी से पशुओं के रख-रखाव के लिये मिलने वाली राशि प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि विकास एवं कृषि कल्याण मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि काँजी हाउस प्रथा दुबारा शुरू हो। वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया ने आवारा पशुओं के बधियाकरण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करने पर बल दिया।

श्री अन्तर सिंह आर्य ने पशुपालन विभाग को शहरों के आसपास पशुओं को चिन्हित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों में बैलों का उपयोग न होने, चरणोई रकबे में कमी होने, जैविक खाद के स्थान पर रासायनिक खाद का उपयोग होने आदि से निराश्रित गौवंश की संख्या बढ़ी है।

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