एससी, एसटी एक्ट निष्प्रभावी करने के विरोध में सड़कों पर उतरा सैलाब
चेतावनी दी संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं, व्यापारियों ने दिया
समर्थन, जहां खुला था वहां शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराया
उज्जैन। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एक्ट को
निष्प्रभावी कर दिये जाने के विरोध में तथा इस एक्ट को पुनः लागू करने की
मांग को लेकर एससी/एसटी ओबीसी समाज संयुक्त मोर्चा, शहर जिला कांग्रेस
कमेटी अजा विभाग तथा भीमसेना द्वारा उज्जैन में बंद का आव्हान किया गया।
समाजजनों का जनसैलाब टॉवर चौक पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की
प्रतिमा पर माल्यार्पण कर फ्रीगंज, शहीद पार्क होते हुए शहर के विभिन्न
मार्गों पर रैली के रूप में निकला।
व्यापारियों ने समर्थन में सुबह से ही बंद रखा, जहां खुला था वहां
शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराया गया। साथ ही चेतावनी भी दी कि भविष्य में
अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी के संविधान में अधिकारों पर छेड़छाड़ करने की
कोशिश की गई तो पूरा समाज फिर आंदोलन करने हेतु मजबुर होगा। सर्वोच्च
न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की
जाएगी। बंद में प्रमुख रूप से अजाक्स अध्यक्ष अनोखीलाल भारती, चुन्नीलाल
धैर्या, बाबूलाल वाघेला, ओमप्रकाश लोट, सुरेन्द्र मरमट, धन्नालाल चौहान,
कमलकांत राजोरिया, धन्नालाल चौहान, राजेश सोनगरा, करण कुमारिया, माया
मालवीय, जितेन्द्र तिलकर, दीपक मेहरे, राजकुमार केरोल, मदनलाल ललावत,
सुरेन्द्र मेहर, आशीष भदाले, रामचंद्र भारती, राहुल अखंड, मनीष जाटवा,
सुरेश वासनिक, मनीष गोमे, बाबूलाल गोठवाल, जितेन्द्र डागर, मनोज नागदेव,
ओमप्रकाश परमार, भगवान खांडेगर, सुरेन्द्र मेहर, धन्नालाल सोलंकी, सुनील,
ईश्वर परिहार, दुलीचंद सूर्यवंशी, रूपसिंह चौहान, लालचंद गोमे, महेश
चंदेल, ओपी लोट, महेश सिसौदिया, माला लोखंडे, सुंदर मालवीय, रितेशचंद्र
कलेसिया आदि उपस्थित थे।
संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
सुरेन्द्र मरमट ने कहा कि म.प्र. कांग्रेस कमेटी अनु.जाति विभाग के
प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी के निर्देशानुसार सत्तारुढ़
दल भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार के इशारों पर अनुसूचति जाति जनजाति वर्ग
को अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में प्रदत्त
अधिकारों को समाप्त किये जाने के विरोध में सोमवार को उज्जैन बंद का शहर
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा समर्थन किया गया। मरमट ने कहा कि संविधान के
साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी यदि भविष्य में दोबारा ऐसी स्थिति बनी तो
एक बार फिर समाज सड़कों पर उतरने को विवश होगा।