एक दिन से ज्यादा जेल में रहने वाले कार्यकर्ता को मिलेगा लोकतंत्र सैनानी का दर्जा : केन्द्रीय मंत्री
Ujjain @ देश में आपातकाल के दौरान जो कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए थे और जिन्होंने आपातकाल के विरोध में गिरफ्तारी दी है। उन सभी लोकतंत्र सैनानी का दर्जा देने का काम मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया है। अब एक दिन से ज्यादा भी जेल में रहने वाले कार्यकर्ता को लोकतंत्र सेनानी की तरह ही सम्मान मिलेगा। यह बात केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने कही। वे उज्जैन में वसुधैव कुटुम्बकम सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित मीसाबंदियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय मंत्री गेहलोत ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ रही थी और 1975 में आपातकाल की घोषणा हो गई थी। इसका विरोध करने के लिए लाखों देश भक्तों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था। जेल में रहकर भी प्रदर्शन करके, गिरफ्तारी देकर और बाहर रहकर भी कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र बचाने का प्रयास किया था। ऐसे लोगों का सम्मान आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि उस समय अगर सरकार यू-टर्न नहीं लेती तो तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ा जाती। देशभक्त लोगों के प्रदर्शन के कारण फिर से वातावरण बना और जब 1977 में चुनाव की घोषणा हुई तो लोकसभा में एकतरफा जनता पार्टी की जीत हुई। जिसके बाद लोकतंत्र सुदृढ हुआ।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हर वर्तमान में भी लोकतांत्रिक प्रणाली पर विश्वास कर देश की सेवा कर रहे है। लोकतंत्र सेनानी का आदर करना, सम्मान करना देशवासियों का कर्तव्य है। अब सरकार ने एक माह से कम और एक दिन से अधिक जेल में रहने वाले बंधुओं को भी लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दे दिया है। उन्हें भी मुख्यमंत्री सम्मान निधि देंगे।
इसके पहले मंच पर केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, ऊर्जा मंत्री पारस जैन सहित मीसाबंदी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। वसुधैव कुटुम्बकम सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों ने अतिथियों का मालवा की परम्परानुसार सांफा बांधकर स्वागत किया। जिसके बाद दिव्यांग ने समारेाह में योग-आसन का प्रदर्शन किया। केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के पुन: राज्यसभा सांसद बनने पर सम्मान किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में मीसाबंदी और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।