1 अप्रेल से होगा असंगठित श्रमिकों का पंजीयन, कलेक्टर ने अधिकारियों को जारी किए निर्देश
उज्जैन । उज्जैन संभाग, जिला तथा संपूर्ण मध्यप्रदेश में 01 अप्रैल से असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन कार्य 7 अप्रैल तक तक चलेगा। मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत यह पंजीयन शहरी एंव ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ किया जा रहा है। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे द्वारा पंजीयन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में मुख्य नगर पालिका अधिकार नगरीय निकाय को नोडल अधिकारी बनया गया है। ये अधिकारी संबंधित विभाग के अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर प्रत्येक असंगठित मजदूर का पंजीयन कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
कलेक्टर श्री भोंडवे ने बताया कि पंजीयन की सुविधा हर ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में उपलब्ध है, वहां एक फॉर्म प्राप्त होगा, जिसमें असंगठित श्रमिक को जानकारी भरकर फॉर्म वहीं जमा कराना होगा। पंजीयन कराने वाले असंगठित श्रमिक को ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्र का श्रमिक होने, किसी सरकारी नौकरी में न होने, आयकरदाता न होने तथा उसके पास एक हैक्टेयर से अधिक भूमि नहीं होने का नियत फार्म में घोषणा पत्र देना होगा।
असंगठित श्रमिक कौन ?
कृषि मजदूर, लघु एवं सीमांत कृषक, घरेलू श्रमिक, फेरी लगाने वाले, दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोड़ने वाले, पक्की ईंट बनाने वाले, गोदामों में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथकरघा, पावरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े की वस्तुएँ और जूते बनाने वाले चर्मकार, ऑटो-रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मिलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले कारीगर, लुहार, बढ़ई फर्नीचर तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेन्सी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाई कर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृह उद्योग में नियोजित श्रमिक असंगठित मजदूर की श्रेणी में आएंगे।
ये मिलेगा लाभ
पंजीयन उपरान्त असंगठित श्रमिकों को 200 रुपये मासिक फ्लैट रेट पर बिजली, गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 4 हजार रुपये, प्रसव होने पर महिला के खाते में 12 हजार 500 रुपये जमा, घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को दो लाख तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रुपये की सहायता, हर भूमिहीन श्रमिक को भूखण्ड या मकान, स्वरोजगार के लिए ऋण, साइकिल-रिक्शा चलाने वालों को ई-रिक्शा और हाथठेला चलाने वालों को ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल, बैंक ऋण की सुविधा (5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार की सब्सिडी), श्रमिक को मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए पंचायत/नगरीय निकाय से 5 हजार रुपये की नगद सहायता आदि सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।