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प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना सरकार की सार्थक पहल


 

योजना के क्रियान्वयन में उज्जैन जिला प्रदेश में तीसरे नम्बर पर

1 करोड़ 15 लाख रूपये की राशि गर्भवती माताओं के खाते में पहुंचाई गई

प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना पर मीडिया कार्यशाला आयोजित

      उज्जैन । बुधवार को बृहस्पति भवन में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना पर मीडिया एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की कार्यशाला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित की गई। कार्यशाला में सहायक संचालक महिला बाल विकास श्री राजीव गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.सीएल पासी, अपर कलेक्टर श्री जीएस डाबर, स्वयंसेवी संस्थाओं से श्रीमती प्रियंका सेंगर, श्रीमती अचला शर्मा, आईसीडीएस से श्रीमती झनक सोनाने, श्रीमती प्रीति कटारा, श्रीमती रीना अध्वर्यू, श्रीमती मीना निगम, एहसास समाज कल्याण समिति की श्रीमती वर्षा व्यास, शिवा संस्थान की डॉ.अपरा विजयवर्गीय, आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र की श्रीमती ममता वर्मा, पत्रकार श्री बलदेवराज, श्री राजेन्द्र पुरोहित, पं.राजेश जोशी और श्री राधेश्याम चौरसिया उपस्थित थे।

      कार्यक्रम का संचालन श्री राजीव गुप्ता ने किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अन्तर्गत सरकार गर्भवती माताओं को 3 किश्तों में आर्थिक सहायता प्रदान करती है। वित्तीय सहायता प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य देश में नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कमी लाना है और उन्हें उचित पोषण प्रदान करना है, ताकि नवजात शिशुओं की अच्छे से परवरिश की जा सके। बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं। यदि वे स्वस्थ होंगे, तभी हमारा देश स्वस्थ और कुशल हो सकेगा। भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही यह एक अत्यन्त अनूठी और सार्थक पहल है। इसके माध्यम से एक उज्ज्वल भारत के निर्माण की कोशिश की जा रही है।

कार्यशाला में जानकारी दी गई कि इस योजना के अन्तर्गत पहले बच्चे को जन्म देने वाली सभी गर्भवती महिलाएं जो शासकीय सेवा में न हों, पात्र होंगी। संविदाकर्मियों को भी इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किये जाने की पात्रता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 3 किश्तों में राशि सीधे गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में स्थानान्तरित कर दी जायेगी। यह योजना 1 जनवरी 2017 से पूरे प्रदेश में लागू की गई है। गौरतलब है कि इस योजना की घोषणा नोटबन्दी के दौरान की गई थी।

पात्र हितग्राहियों को 3 किश्तों में राशि प्रदाय की जाती है। प्रथम किश्त गर्भावस्था के दौरान पंजीयन कराने के उपरान्त दी जाती है, जिसमें 1 हजार रूपये की राशि प्रदाय की जाती है। द्वितीय किश्त के अन्तर्गत 2 हजार रूपये की राशि गर्भावस्था के 6 माह बाद प्रदाय की जाती है और तीसरी किश्त के अन्तर्गत 2 हजार रूपये की राशि बच्चे के जन्म के उपरान्त उसके प्रथम चक्र के टीकाकरण कार्य पूर्ण होने पर माता के खाते में स्थानान्तरित कर दी जाती है। इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना के तहत 1 हजार रूपये की राशि गर्भवती माताओं को अलग से प्रदाय की जाती है। योजना के अन्तर्गत पात्रता प्रथम बच्चे के समय की होती है।

पात्र हितग्राहियों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को देना होता है। इसके पश्चात परियोजना अधिकारी के द्वारा सत्यापन के उपरान्त किश्तों में राशि सीधे बैंक खाते में पहुंचती है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के बेहतर क्रियान्वयन में उज्जैन जिला प्रदेश में तीसरे नम्बर पर है। वर्तमान में इस योजना के अन्तर्गत 12272 फार्म की ऑनलाइन प्रविष्टि हो चुकी है और 1 करोड़ 15 लाख रूपये की राशि गर्भवती माताओं के खाते में स्थानान्तरित कर दी गई है। योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने के लिये आवेदनकर्ता को फार्म के साथ मातृ-शिशु कार्ड की छायाप्रति, आई कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति भी आवश्यक रूप से संलग्न करना होती है।

दूसरी किश्त प्राप्त करने के लिये एमसीपी कार्ड की छायाप्रति तथा तीसरी किश्त प्राप्त करने के लिये नवजात के जन्म प्रमाण-पत्र की छायाप्रति संलग्न कर कार्यकर्ता को देना होती है। प्राकृतिक मिसकैरेज होने की स्थिति में तीसरी किश्त का भुगतान दोबारा गर्भावस्था के पश्चात जीवित शिशु के जन्म के बाद ही किया जायेगा।

सबसे अच्छी बात यह है कि यह योजना पूरे देश में लागू है, इसलिये गर्भवती माता देश के किसी भी हिस्से में एक स्थान पर अपना पंजीयन इस योजना के अन्तर्गत करवा सकती हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.सीएल पासी ने कार्यशाला में कहा कि आने वाले समय में बच्चों को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने और मातृ तथा शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। 3 किश्तों में राशि इसलिये प्रदाय की जाती है ताकि इसका उचित उपयोग हो सके। डॉ.पासी ने जानकारी दी कि आगामी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयन्ती के अवसर पर आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना का विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। 1 अप्रैल से समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में मोबाइल के माध्यम से मॉनीटरिंग का कार्य किया जायेगा। इसमें एक विशेष जीपीएस लगा हुआ है, जो केवल आंगनवाड़ी केन्द्र में ही चालू हो सकेगा। इसके कारण कई अनियमितताएं भी समाप्त हो सकेंगी। मोबाइल द्वारा आईसीडी आरटीएम एप के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों का कार्यकर्ताओं द्वारा मॉनीटरिंग का काम किया जा सकेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केन्द्र में शिशुओं और बच्चों को पौष्टिक भोजन तथा उनकी उचित देखभाल की जा रही है अथवा नहीं।

डॉ.पासी ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में मंगल दिवस भी आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें प्रथम मंगलवार को गर्भवती माताओं की गोद भराई का आयोजन कर उन्हें सम्मानित किया जाता है। इसके अलावा तीसरे मंगलवार को छोटे बच्चों को अन्नप्राशन करवाया जाता है। किचन गार्डन योजना भी लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत घर के समीप आंगन में कई पौष्टिक सब्जियां उगाई जाती हैं, जो माताओं और बच्चों के आहार के काम आ सकती है। उक्त तीनों गतिविधियों को वर्तमान में जन-आन्दोलन से जोड़ने की आवश्यकता है।

उज्जैन जिले में एनएसएसएस के सर्वे के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती माताओं का प्रसव मान्यता प्राप्त संस्थानों में होता है। इसे और बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। शहरी क्षेत्रों में प्रसव के तुरन्त बाद नवजात को स्तनपान कराये जाने के प्रति लोगों को और जागरूक करने की जरूरत है। मां के दूध से नवजात का मानसिक विकास भी तेजी से होता है। कार्यशाला में आभार प्रदर्शन श्रीमती रीना अध्वर्यू द्वारा किया गया।

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