उज्जैन में अगले महीने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का विराट गुरूकुल सम्मेलन आयोजित होगा
प्रमुख सचिव संस्कृति ने तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली
उज्जैन । उज्जैन में अगले महीने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का विराट गुरूकुल सम्मेलन चिन्तामण रोड स्थित महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान में 28 अप्रैल से 30 अप्रैल तक आयोजित किया जायेगा। यह आयोजन भारतीय शिक्षण मण्डल गुरूकुल प्रकल्प, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति संचालनालय और महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में किया जायेगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य गुरूकुल शिक्षा को युगानुकूल रूप में फिर एक बार समाज में प्रचलित करने का विनम्र प्रयास करना है। संगठित प्रयास से गुरूकुल शिक्षा फिर एक बार मुख्य धारा की शिक्षा बन सकती है।
प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने आयोजन की तैयारियों के सम्बन्ध में मंगलवार को महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान के सभाकक्ष में बैठक ली। इसमें कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, नगर निगम आयुक्त डॉ.विजय कुमार जे., श्री क्षितिज शर्मा, खाद्य नियंत्रक श्री आरके वाइकर एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण तथा वेदविद्या प्रतिष्ठान की श्रीमती अरूणा सारस्वत एवं अन्य सदस्यगण मौजूद थे।
बैठक में प्रमुख सचिव ने जानकारी दी कि उज्जैन में आयोजित होने वाला विराट गुरूकुल सम्मेलन हम सभी के लिये एक प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। इस आयोजन से वैदिक पद्धति का पुन: स्मरण किया जायेगा। गुरूकुल शिक्षा पद्धति की आधुनिक समय में उपयोगिता किस प्रकार हो सकती है, इस पर व्यापक विचार विमर्श किया जायेगा। मध्य प्रदेश शासन द्वारा इस आयोजन को करते हुए अत्यन्त हर्ष ही नहीं, बल्कि गौरव का अनुभव भी हो रहा है। गुरूकुल शिक्षा को पुन: प्रतिष्ठित करने की दिशा में प्रथम चरण के रूप में वर्तमान में चल रहे गुरूकुलों का संकलन किया जा रहा है। इस आयोजन के माध्यम से सभी गुरूकुल संचालकों के संगठित होने से समाज जागरण द्वारा गुरूकुलों की शैक्षिक एवं आर्थिक स्वायत्तता संरक्षित की जा सकेगी।
बैठक में बताया गया कि इस भव्य आयोजन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गुरूकुलों के आचार्य तथा व्यवस्थापक, सन्त समाज, शिक्षाविद, कुलपति, उप कुलपति, संस्थाचालक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे। इसलिये इसमें आने वाले अतिथियों की उचित आवास व्यवस्था करने के निर्देश प्रमुख सचिव द्वारा दिये गये। उन्होंने कहा कि अतिथियों के ठहरने के लिये लगभग 1500 कक्षों की व्यवस्था की जाये। ये कक्ष गरिमापूर्ण होने चाहिये। इसके लिये झालरिया मठ, माधव सेवा न्यास, चारधाम आश्रम, सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान, उदासीन आश्रम, मानसिंगा आश्रम, सूर्यनारायण धर्मशाला, उज्जयिनी होटल, शिप्रा होटल और अवन्ती पार्श्वनाथ तपोभूमि तथा अन्य आश्रमों और होटलों में कक्षों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में बताया गया कि इस आयोजन में लगभग 100 उप कुलपति और देश-विदेश के विभिन्न गुरूकुलों के 2 हजार से 2200 प्रतिनिधि शामिल होंगे। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कई साहित्यकार और विद्वान भी सम्मेलन में आयेंगे। मुख्य कार्यक्रम सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान के मैदान में आयोजित होगा। मैदान के समतलीकरण के लिये प्रमुख सचिव द्वारा निर्देश दिये गये। एक बड़ा डोम भी बनाये जाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया गया, जिसमें लगभग 4 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था हो। कार्यक्रम स्थल पर भोजन की व्यवस्था करने के लिये एमपी टूरिज्म के अधिकारियों को निर्देश दिये गये। बताया गया कि भोजन की व्यवस्था भारतीय संस्कृति के आधार पर की जायेगी, अर्थात पंगत की व्यवस्था की जायेगी।
प्रमुख सचिव ने कार्यक्रम के दौरान पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिये पीएचई को अस्थाई नल कनेक्शन कार्यक्रम स्थल पर लगाये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में चलित शौचालय की व्यवस्था किये जाने को कहा। कार्यक्रम के दौरान बिजली के सुचारू रूप से संचालन हेतु अलग से जनरेटर की व्यवस्था भी करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि सम्मेलन के दौरान 7 विचार कक्ष भी बनाये जायेंगे। आरटीओ को अतिथियों को लाने ले जाने के लिये परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल के समीप मार्ग सूचक एवं दिशा सूचना लगाये जाने के लिये कहा गया। आने वाले अतिथियों को रिसीव करने के लिये लाइजनिंग आफिसर्स को उचित ट्रेनिंग दिलवाई जाने को कहा गया। प्रमुख सचिव ने जानकारी दी कि सम्मेलन के दौरान एक कंट्रोल रूम भोपाल में भी स्थापित किया जायेगा।
जनसम्पर्क विभाग को सम्मेलन के दौरान स्थानीय प्रेस और बाहर से आने वाले पत्रकारों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये। बताया गया कि कार्यक्रम के दौरान स्थल के समीप एक मीडिया सेन्टर भी बनाया जायेगा, जिसमें पत्रकारों के कव्हरेज के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेंगी। मीडिया सेन्टर में कम्प्यूटर, प्रिंटर और इंटरनेट कनेक्शन स्थापित किये जायेंगे। दो अस्थाई कक्ष भी बनाये जायेंगे, जिनमें से एक में समय-समय पर होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस और दूसरे में इंटरव्यू और बाइट लिये जाने की व्यवस्था मीडिया के लिये की जायेगी। सम्मेलन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये वृहद स्तर पर सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रबंधन के लिये एक परियोजना बनाई जायेगी। ब्लॉग भी बनाये जायेंगे, जिसमें एक सम्पादन मण्डल होगा, जो सम्मेलन से सम्बन्धित विशेष लेख ब्लॉक और सोशल मीडिया पर प्रसारित करेगा।
प्रमुख सचिव ने सम्मेलन के दौरान दिये जाने वाले स्मृति चिन्हों पर चर्चा के दौरान कहा कि स्मृति चिन्ह उज्जैन की प्राचीन सभ्यता और गुरूकुल संस्कृति से सम्बन्धित होने चाहिये। आने वाले अतिथियों को जुट के बैग में स्टेशनरी किट भी उपलब्ध कराई जायेगी, जिसमें डायरी, पेन एवं अन्य आवश्यक साहित्य उपलब्ध रहेगा। मंच निर्माण की समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि सम्मेलन के दौरान ऐसा मंच बनाया जाना चाहिये, जो एकदम गुरूकुल जैसा प्रतीत हो। बैठक के उपरान्त प्रमुख सचिव एवं कलेक्टर द्वारा महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान का अवलोकन भी किया गया।