महाकाल को ठंडक के लिए 1 अप्रैल से 11 मटकियों से जलधारा
Ujjain @ गर्मी के दिनों में भगवान महाकाल को ठंडक प्रदान करने के लिए वैशाख कृष्ण की प्रतिपदा पर 1 अप्रैल से गर्भगृह में मिट्टी की 11 मटकियों से जलधारा प्रवाहमान की जाएगी। इस वर्ष अधिक मास लगेगा। इस कारण 2 की बजाय 3 माह तक यह मटकियां लगाई जाएगी। रोज भस्मारती बाद यह मटकियां लगाई जाएगी व शाम 5 बजे संध्या पूजा के दौरान हटेंगी। मौसम के अनुरूप मंदिर में आरतियों के समय व भगवान की दिनचर्या में बदलाव होता है। ठंड में महाकाल गर्म जल से स्नान करते हैं तो गर्मी में ठंडक के लिए 11 मटकियां लगाई जाती है। इस बार ज्येष्ठ मास में अधिकमास लगेगा। इस कारण 3 माह तक 28 जून तक मटकियां लगी रहेंगी। शिवलिंग पर वर्षभर चांदी के कलश से एक जलधारा प्रवाहमान होती है लेकिन वैशाख व ज्येष्ठ मास में गर्मी के दौरान भगवान को अधिक ठंडक हेतु 11 मटकियों से जलधारा प्रवाहमान की जाती है। इसे गलंतिका कहते हैं।