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चीन के OBOR प्रोजेक्ट पर अमेरिका ने किया भारत को सपोर्ट, विवादित क्षेत्र से होकर निकलता है OBOR प्रोजेक्ट


चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट वन रोड वन बेल्ट पर अमेरिका ने भारत के विरोध का समर्थन किया है. अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि किसी भी देश को ऐसे इलाके में निर्माण से बचना चाहिए जो कि विवादित क्षेत्र हो. ट्रंप प्रशासन ने साफ कहा है कि वह एक विवादित क्षेत्र से निकल कर गुजरेगा.

हाल ही में भारत यात्रा से होकर अमेरिका पहुंचे मैटिस ने सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के सामने कहा कि अब हम एक ग्लोब्लाइज़ड वर्ल्ड में रहते हैं जहां पर कई तरह की रोड और बेल्ट हैं. किसी भी देश को एक ही बेल्ट बनाकर अपनी बात नहीं मनवानी चाहिए.

ओबीओआर और चीन की नीति पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट एक विवादित क्षेत्र से होकर निकलता है जो कि साफ दर्शाता है कि एक देश अपनी बात को मनवाना चाहिए.

आपको बता दें कि मई महीने में चीन में OROB का समिट भी आयोजित किया गया था. इसका भारत ने विरोध किया था. इसमें 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस, विश्व बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीन लगार्ड के अलावा 130 देशों के अधिकारी, उद्योगपति, फाइनेंसर और पत्रकारों ने हिस्सा लिया था.

क्या है चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर?
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर, पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से चीन के शिनझियांग को जोड़ने वाले कॉरिडोर की योजना है. यह कॉरिडोर ग्वादर से शुरू होकर काशगर तक जाएगा. अरबों डॉलर के इस प्रोजेक्ट के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान एंट्री गेट का काम करेगा. चीन इस क्षेत्र में औद्योगिक पार्क, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, रेलवे लाइन और सड़कें बना रहा है. इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में काराकोरम हाईवे का विस्तार चीन के अशांत रहने वाले शिंजिआंग सूबे तक किया जाएगा. इससे घाटी तक चीन को मुक्त और ट्रेन से तेज रफ्तार पहुंच मिलेगी.

गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कुछ प्रांतों तक रेलवे लाइन व सड़कों का काम पूरा हो जाने पर, ग्वादर, पासनी और ओरमारा में चीन निर्मित नौसेना बेस के रास्ते आने वाले चीनी कार्गो को पाकिस्तान पहुंचने में सिर्फ 48 घंटे लगेंगे. अभी इसमें 16 से 25 दिन का समय लगता है.

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