नृसिंह घाट के पास बगा अखिल विश्व गायत्री का रचनात्मक केन्द्र
उज्जैन। अखिल विश्व गायत्री शांतिकुज्ज हरिद्वार का एक और रचनात्मक केन्द्र उज्जैन में नृसिंह घाट के पास बनेगा। देवास के दम्पति अयोध्या बाई-शिवनारायण सोलंकी ने एक करोड़ रूपए से अधिक कीमत की 48790 वर्गफीट भूमि दान में दी है, जिसकी रजिस्ट्री शुक्रवार 4 अगस्त को हुई। श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट हरिद्वार केे ट्रस्टी हरीश ठक्कर तथा रामसहाय शुक्ला ने मुख्य प्रबंध ट्रस्टी शैलबाला पण्डया की ओर से भूमि का दान ग्रहण करते हुए रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर किए।
दान की गई भूमि नृसिंह घाट से आगे सीमेंटिड फोरलेन रोड पर स्थित है, जो पीछे क्षिप्रा नदी से जुड़ी है, जहाँ से श्री कर्कराज महादेव मंदिर और भूखीमाता के दर्शन होते हैं। इस प्रकार उच्च स्तरीय साधनात्मक प्रयोगों के लिए बहुत ही उपयुक्त है। रजिस्ट्री के समय शांतीकुज्ज हरिद्वार में मध्यझोन के समन्वयक विष्णु भाई पंड्या, भोपाल झोनल सह समन्वयक प्रभाकांत तिवारी, उज्जैन उपक्षोन के समन्वयक महाकालेश्वर श्रीवास्तव, सह समन्वयक संदीप विश्वकर्मा, इंदौर उपक्षोन समन्वयक के. सी. शर्मा, इंदौर के वरिष्ठ परिजन कोमलप्रसाद मिश्रा, एन.के. जोशी, देवास के वरिष्ठ परिजन सत्यनारायण चैहान, कन्हैयालाल मौहरे, जगदीश, महेश चैधरी, उज्जैन जिला समन्वयक देवेन्द्रकुमार श्रीवास्तव, डॉ शशिकांत शास्त्री, आर. पी. त्रिपाठी, डॉ. विनय तिवारी, बाबूलाल बडोलिया, सतीश शर्मा, एम. एल. रणधबल, पी.एस. रघुवंशी, रमेश स्वर्णकार, अजय तिवारी उपस्थित थे। शांतिकुज्ज हरिद्वार से पधारे वरिष्ठ मनीषी रामसहाय शुक्ला ने सभी परिजनों से अनुरोध किया कि अपने पूर्वजों की स्मृति में यहाँ पर एक-एक कक्ष निर्माण कराए तथा अपने इष्ट मित्रों को इसके लिए प्रेरित करें। आपने बताया कि दान देने के लिए प्रेरित करने बाले को भी उसी तरह पुण्य लाभ प्राप्त होता है जैसे कोई बीमा एजेंट जमा की गई बीमा की राशि का कुछ अंश प्राप्त करता रहता है। यहाँ से शीघ्र ही साधना, संस्कार, गौ संवर्धन, ग्रामोत्थान, स्वावलंबन के लिए रचनात्मक गतिविधियां चलने लगेंगी।