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चंद्रग्रहण, रात्रि 10.52 पर स्पर्श, 12.49 पर होगा मोक्ष


उज्जैन। 7 अगस्त रक्षाबंधन पर होने वाले चंद्रग्रहण के समय भिन्नता के कारण जनसामान्य में उपज रहे भ्रम को दूर करने के लिए ज्योतिषाचार्यों की एक बैठक का आयोजन शुक्रवार को हुआ। बैठक में समस्त ज्योतिषाचार्यों ने एक मत में स्पष्ट किया कि वास्तव में ग्रहण का स्पर्श रात्रि 10.52 पर व मोक्ष रात्रि 12.49 पर होगा। 

बैठक अनुष्ठान मंडपम ज्योतिष अकादमी के अध्यक्ष पं. श्यामनारायण व्यास की अध्यक्षता में संपन्न हुई। संस्था सचिव पं. गोपालकृष्ण दवे के अनुसार 7 अगस्त रक्षाबंधन पर होने वाले चंद्रग्रहण के विषय में पंचांगों में मतेक्य नहीं है। पंचांगों की विविधता के कारण ग्रहण के स्पर्श एवं मोक्ष के समय में भिन्नता आने से जनसामान्य भ्रम की स्थिति में है। कतिपय ग्रहलाघवी पंचांग ग्रहण का स्पर्श रात्रि 10.39 व 10.42 बता रहे है जो कि यथार्थ से परे है। वास्तव में ग्रहण का स्पर्श रात्रि 10.52 पर व मोक्ष रात्रि 12.49 पर होगा जो कि भारत सरकार से मान्यता प्राप्त तथा भारत के 90 प्रतिशत पंचांगों से सिध्द है। इसके अतिरिक्त भारत की सभी वेधशालाएं इसे सिध्द कर चुकी हैं तथा अपने यहां से प्रकाशित साहित्य में निर्देशित कर प्रतिपादित किया है। साथ ही सुधिजन ग्रहण को प्रत्यक्ष देखकर भी संतुष्ट हो सकेंगे। परिषद की अत्यावश्यक बैठक में निर्णय लेकर ग्रहण के विषय में दर्शाया कि ग्रहण स्पर्श रात्रि 10.52 व ग्रहण मोक्ष रात्रि 12.49 रहकर पर्वकाल 1 घंटा 57 मिनिट होगा। बैठक में अवंतिका पंचांग से पं. मदन व्यास, सिहंस्थ विजय पंचांग से पं. उमेश त्रिपाठी, पं. अमर डब्बावाला, सिंहस्थ महाकाल पंचांग से पं. चंदन गुरू, शिव दामोदर पंचांग से श्रध्दा दीदी, पं. मार्तण्ड अनंतहीगे आदि उपस्थित थे। 

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