लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 28 विभागों की 207 सेवाएं दायरे में
समय-सीमा में सेवाएं नहीं देने वाले अधिकारियों पर 5 हजार का जुर्माना
उज्जैन । मध्य प्रदेश में लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम वर्ष 2010 में लागू किया गया। इस कानून को प्रभावी रूप से लागू करने के लिये लोक सेवा प्रबंधन विभाग कार्य कर रहा है। अधिनियम के तहत समय-सीमा में सेवाओं को प्रदान करने के लिये अधिकारियों को पाबन्द किया गया है। समय-सीमा में कार्य न करने या अनावश्यक देरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को दण्डस्वरूप 500 से 5 हजार रूपये तक का जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है। दण्ड के रूप में मिलने वाली राशि पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। वर्तमान में प्रदेश में 28 विभागों की 207 सेवाएं अधिनियम के दायरे में लाई गई हैं। इन 207 सेवाओं में से 145 सेवाओं के ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं।
नागरिकों को सुविधाजनक तरीके से ऑनलाइन सेवा प्रदाय करने हेतु प्रदेश के समस्त ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर कुल 413 लोक सेवा केन्द्रों एवं एमपी ऑनलाइन कियोस्क स्थापित किये गये हैं। यही नहीं स्वघोषणा के आधार पर स्थानीय निवासी एवं आय प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था भी की गई है। शपथ-पत्र के स्थान पर स्वप्रमाणित घोषणा-पत्र पर सेवाओं का प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही नागरिक सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय निवासी एवं आय प्रमाण-पत्र सेवा को आधार केवाईसी के द्वारा सिटीजन इंटरफेस पर भी प्रारम्भ कर दिया गया है। अब मध्य प्रदेश का कोई भी नागरिक इंटरनेट का उपयोग करके अपने आधार नम्बर ई-केवाईसी से इन सेवाओं को प्राप्त कर सकता है।
सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करने के तहत कई सेवाओं के प्रदाय को सरल, प्रभावी एवं सुदृढ़ बनाने के लिये एमपीसीएआरएस परियोजना शुरू की गई है, जिसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग एवं अन्य विभाग के लिये ऑटोमेशन की कार्यवाही की जा रही है। सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करने के तहत कई सेवाओं के ऑनलाइन डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्रदान किये जा रहे हैं। यह समस्त डिजिटल हस्ताक्षरित सर्टिफिकेट एक कॉमन रिपाजिटरी वेब साइट www.mpedistricity.mp.gov.in पर उपलब्ध है। अधिसूचित सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करने हेतु मध्य प्रदेश में कुल 12 हजार से अधिक अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर बनवाये गये हैं।
दण्ड का प्रावधान
अधिसूचित की गई सेवाओं को प्रदान करने के लिये समय-सीमा निर्धारित की गई है। समय-सीमा में कार्य न करने या अनावश्यक देरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिन मामलों में द्वितीय अपील प्राधिकारी की यह राय हो कि पदाभिहित अधिकारी बिना पर्याप्त तथा युक्तियुक्त कारण के सेवा प्रदान करने में असफल रहा है, तो वह पदाभिहित अधिकारी पर ऐसी एकमुश्त राशि अधिरोपित कर सकेगा, जो 500 रूपये से कम तथा पांच हजार रूपये से अधिक नहीं होगी। इसी तरह जिन मामलों में द्वितीय अपील प्राधिकारी की यह राय होगी कि पदाभिहित अधिकारी ने बिना पर्याप्त तथा युक्तियुक्त कारण के सेवा प्रदान करने में विलम्ब किया है, तो वह पदाभिहित अधिकारी पर ऐसे विलम्ब के लिये ढाई सौ रूपये प्रतिदिन के मान से शास्ति अधिरोपित कर सकेगा, जो अधिकतम पांच हजार रूपये तक हो सकेगी।
लोक सेवा गारंटी के अन्तर्गत आने वाली प्रमुख प्रचलित सेवाएं
लोक सेवा गारंटी के अन्तर्गत बिजली कनेक्शन देने के लिये दिये गये आवेदन पर कार्यपालन यंत्री द्वारा 15 दिवस में निराकरण किया जायेगा। श्रम विभाग द्वारा प्रसूति सहायता योजना के आवेदन ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 30 दिवस में निराकृत करना अनिवार्य है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत हैण्ड पम्प के जमीन के ऊपर के भाग का सुधार कार्य के आवेदन का निराकरण सात दिवस में किया जाना अनिवार्य है। राजस्व विभाग के तहत प्राकृतिक प्रकोप से शारीरिक अंग हानि अथवा मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता के आवेदन का निराकरण 30 दिवस में किया जाना अनिवार्य किया गया है। नगरीय प्रशासन विभाग कॉलोनाइजर लायसेंस, भवन अनुज्ञा के आवेदनों का 30 दिवस में निराकरण करेंगे। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के प्रकरण सामाजिक न्याय विभाग द्वारा 60 कार्य दिवसों में निराकृत होंगे। आदिम जाति कल्याण विभाग के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति आकस्मिकता योजना नियम के तहत राहत प्रदान करने के आवेदन का निराकरण की सीमा 30 कार्यदिवस निर्धारित की गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा नवीन बीपीएल राशन कार्ड जारी करने की समय-सीमा 30 कार्य दिवस है तथा डुप्लीकेट राशन कार्ड जारी करने की समय-सीमा 15 दिवस है। इसी तरह लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत राज्य बीमारी सहायता निधि के अधीन दो लाख रूपये तक के प्रकरण स्वीकृत करने की समय-सीमा 10 कार्य दिवस निर्धारित की गई है। परिवहन विभाग के अन्तर्गत लर्निंग ड्रायविंग लायसेंस जारी करना 10 कार्य दिवस, ड्रायविंग लायसेंस जारी करना 15 कार्य दिवस निर्धारित किया गया है। इसी तरह जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने के लिये विभिन्न जनपद एवं नगरीय निकायों के लिये सात कार्य दिवस निर्धारित किये गये हैं। विवाह पंजीयन करने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में 15 कार्य दिवस एवं नगरीय क्षेत्र में 30 कार्य दिवस निर्धारित हैं।