मकवाना के नाम को इसलिये दी मंजूरी -कीर्ति राणा वरिष्ठ पत्रकार
कही-सुनी
कीर्ति राणा
मकवाना के नाम को इसलिये दी मंजूरी
रिश्वत अकेली नहीं आती, देने वाले की बद्दुआ, मजबूरियां, दुख, वेदना, क्रोध, तनाव, चिंता भी नोटों में लिपटी रहती है।ये कटु सत्य लिखने वाले कैलाश मकवाना का नाम प्रदेश के अगले डीजीपी के रूप में फायनल कर के मुख्यमंत्री यादव ने पुलिस महकमे को भी बता दिया है कि पुलिस की छवि मकवाना के इन विचारों जैसी ही होना चाहिए। भले ही मकवाना सीएम के गृह नगर के ही हों लेकिन उनकी योग्यता का पैमाना इससे अधिक उनकी ईमानदारी भी रही है।विभाग में वे किसी भी पद पर लंबे समय नहीं रह पाए तो इसका मुख्य कारण उनका ईमानदार होना ही रहा।
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डॉ कलाम का ऐसा प्रभाव भी
एमवायएच में उप अधीक्षक डॉ जितेंद्र वर्मा पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के कुछ सिद्धांतों से बेहद प्रभावित हैं।जिस तरह डॉ कलाम ने अपने परिजनों-परिचितों के राष्ट्रपति भवन में रुकने-खाने आदि का खर्च अपने वेतन से चुकाया था। कुछ ऐसा ही डॉ वर्मा भी करते हैं। एमवायएच का अधिकांश स्टॉफ अपने और परिजनों की बीमारी में मुफ्त दवाइयों की सुविधा का लाभ लेना भले ही अपना अधिकार माने लेकिन डॉ वर्मा खुद तो बाजार से दवाइयां खरीदते ही हैं, रिश्तेदार यह मान कर दवाई का पर्चा थमा देते हैं कि एमवायएच से मुफ्त में दवाई मिल जाएगी। डॉ वर्मा ये सारी दवाइयां भी बाजार से खरीद कर उन तक पहुंचा देते हैं लेकिन यह जाहिर नहीं होने देते कि ये दवाइयां खरीद कर भिजवाई है।
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सुबह का भूला, शाम को घर लौटेगा ?
पूर्व सीएम कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में क्या गये पार्टी के लोगों की नजर बदनावर से कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत पर लग गई है।शेखावत कांग्रेस से विधायक जरूर हैं लेकिन यह टीस भी है कि सरकार कांग्रेस की बन गई होती तोमंत्री बन जाते।अब मंत्री पद मिलना तब ही संभव हो सकता है जब सुबह का भूला शाम को घर लौट जाए।शिवराज सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर चाहते हैं कि इंदौर में दो नंबर की काट के लिये किसी के कंधे पर हाथ रखें।शेखावत के भाजपा प्रवेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया जरूर अड़ंगा लगा सकते हैं क्योंकि इंदौर के खेल प्रेमी नेताओं की उनसे अच्छी ट्यूनिंग हो गई है और फिर उनके समर्थक राज्यवर्धन सिंह भी नहीं चाहेंगे कि उनके मंसूबों पर पानी फेरने वाले शेखावत की घर वापसी हो।
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टैक्स फ्री भी सरकार मुताबिक !
फिल्मों को टैक्स फ्री किया जाना भी सरकार पर निर्भर करता है।पहले ‘केरला स्टोरी’ कुछ राज्य सरकारों ने टैक्स फ्री की थी। अब ‘द साबरमती रिपोर्ट’ उन्हीं राज्यों में टैक्स फ्री की जा रही है जहां भाजपा सरकार है।2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड ने देश को हिला कर रख दिया था, उसी पर आधारित इस फिल्म को भाजपा और सहयोगी संगठन लोगों को निशुल्क दिखा रहे हैं। सांसद कंगना रनौट की फिल्म ‘इमर्जेंसी’ भी अगले कुछ महीनों में रिलीज होने को है।
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बीआरटीएस और संयोग
मध्य प्रदेश में पहला बीआरटीएस इंदौर में तत्कालीन कलेक्टर विवेक अग्रवाल की देखरेख में 2011 में बना था।13 साल बाद जब इसे हटाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी है तब भी विवेक अग्रवाल यूरेशियन ग्रुप की मीटिंग के चलते इंदौर में रहेंगे।यह बात अलग है कि अब वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। बीआरटीएस हटने के बाद राजीव गांधी चौराहे से निरंजनपुर तक की चौड़ी हुई सड़क देख कर विवेक अग्रवाल यह सोच कर खुश हो सकते हैं कि तब बीआरटीएस के लिए इस 11 किमी के मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराना भी किसी चुनौती से कम नहीं था।
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बरलाई कारखाने की किस्मत कैलारस जैसी नहीं !
कभी इंदौर शकर कारखाने के कारण भी पहचाना जाता था।शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर बंद पड़ी बरलाई चीनी मिल और मिल के आसपास की खाली पड़ी करीब 33 हेक्टेयर जमीन को एमपीआईडीसी प्लग एंड प्ले सुविधा के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए औद्योगिक क्षेत्र में बदलेगा।
एक बरलाई शुगर मिल जो हमेशा के लिये बंद हो गई और दूसरी तरफ मुरैना का कैलारस शकर कारखाना है जो 13 साल से बंद था। सरकार ने इसकी संपत्ति बेचने की कार्रवाई शुरु की ही थी कि गन्ना उत्पादक किसानों के विरोध के चलते नीलामी प्रक्रिया रोकना पड़ी।अब सरकार इस कारखाने को किसी प्रायवेट फैक्टरी से चलाएगी।
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अब होगी गोल्ड मेडल अवार्ड सेरेमनी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 2018 के बाद से गोल्ड मेडल अवार्ड सेरेमनी हुई ही नहीं। इस कॉलेज के पूर्व छात्र-रिटायर्ड प्रो डॉ मनोहर भंडारी लगातार पत्र लिख कर एमजीएम प्रशासन को इस सेरेमनी की याद दिला रहे थे।छह साल बाद इस सेरेमनी के लिये 12 डॉक्टर्स की समिति गठित की गई है। दिसंबर के पहले सप्ताह में इस सेरेमनी के साथ ही छह साल से बंद प्रायोजित अवार्ड भी आयोजित किए जाने की संभावना है।
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चिंतन बैठक की तैयारी में जुटे मंत्री
गुजरात मॉडल को कॉपी कर के मध्य प्रदेश को और बेहतर बनाने के लिये मुख्यमंत्री यादव कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों का परफार्मेंस जानने के लिए चिंतन बैठक शुरु की थी।चिंतन बैठक के इस पेटर्न को अब मप्र में भी मुख्यमंत्री ने लागू करने का मन बना लिया है। इस चिंतन बैठक में मंत्री और अफसर रहेंगे और अपने विभागों की प्लानिंग बताएंगे जिस पर चिंतन कर नीति निर्धारित की जाएगी।
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श्रीकृष्ण पाथेय न्यास बनेगा
शस्त्र पूजन, जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा के लिए सरकारी आदेश जारी करने के बाद अब सरकार ने श्रीकृष्ण पाथेय न्यास बनाने का फैसला किया है।जिन-जिन मार्गों पर भगवान श्रीकृष्ण के कदम पड़े हैं उन स्थानों को भव्य तीर्थ के रूप में श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के जरिये विकसित किया जाएगा।सीएम की अध्यक्षता वाले इस न्यास में 23 पदेन और 5 ख्यात विद्वान अशासकीय न्यासी सदस्य होंगे, इन अशासकीय न्यासियों का कार्यकाल तीन वर्ष रहेगा।
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शुरु होने से पहले ओटी कॉम्प्लेक्स में सीलन
एमवायएच में सर्जरी वाले मरीजों के दबाव को कम करने के लिए ओटी कॉम्पलेक्स का निर्माण आठ माह में पूर्ण हो जाना था।2021 में काम शुरु हुआ और चार साल में पूरा होने से इसकी लागत 4 करोड़ से बढ़कर 7.20 करोड़ हो गई। इसका शुभारंभ भी नहीं हुआ और सीलन का शिकार हो गया है।संबंधित ठेकेदार को सीलन की समस्या बताई गई लेकिन वह काम करने को राजी नहीं है।
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पहली बार आदिवासी अंचल में दौड़ेगी रेल
इंदौर-मनमाड़ रेल लाईन परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। मप्र के तीन जिलों धार, खरगोन, बड़वानी के जिन 77 गांवों से होकर नई रेल लाईन गुजरेगी वहां जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरु हो गई है।इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाईन महू से धार, धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुले, मालेगांव, होकर मनमाड़ पहुंचेगी। 16. 320 करोड़ लागत वाली इस 309 किलोमीटर लंबी रेल लाईन में 30 नये रेलवे स्टेशन भी बनेंगे।यह परियोजना 2028-29 में पूरी होना है।
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हंसना मना है !
छतरपुर जिला पंचायत में जन सुनवाई के दौरान बेबात हंसने पर ई-गवर्नेस के सहायक प्रबंधक केके तिवारी को अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेवे ने गंभीर कदाचरण की धाराओं वाला नोटिस देने के साथ जवाब मांग लिया।आगे यह भी हुआ कि न तो निर्धारित अवधि में तिवारी ने नोटिस का जवाब दिया और अपर कलेक्टर भी भूल गए कि ऐसा कोई नोटिस दिया था और जवाब नहीं मिला है।इस नोटिस के वॉयरल होने पर लोगों ने अपने अंदाज में कमेंट्स खूब किये।
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खटिया तैयार कराने वालीं अपर कलेक्टर
मोबाइल पर रील बनाने का चस्का नीमच में पदस्थ अपर कलेक्टर लक्ष्मी गामड़ को ऐसा लगा कि रील वाला वीडियो वॉयरल होने के तत्काल बाद हटाना पड़ गया।रविवार के दिन वो सरकारी आवास पर ड्यूटी दे रहे दो नगर सैनिकों से खटिया बुनवा रही थी और इसकी रील बनाते हुए कह रही थीं देखिये हम छुट्टी का उपयोग कर रहे हैं। आप को आता है बनाना, मुझे जरूर बताइये। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी डाल दिया, वॉयरल होने के बाद विवाद बढ़ा तो हटाना पड़ा।
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प्रदेश की पहली मेडिसिटी
मुख्यमंत्री यादव ने भले ही अपने गृहनगर का ध्यान रखा लेकिन प्रदेश की पहली मेडिसिटी जब बन कर तैयार हो जाएगी तो इसका लाभ मप्र सहित आसपास के राज्यों के मरीजों को भी मिलेगा। उज्जैन में निर्मित होने वाली प्रदेश की पहली मेडिसिटी एवं मेडिकल कॉलेज 14.97 एकड़ में 592.3 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा। इसमें 6 हाईराइज टॉवर होंगे। टीचिंग हॉस्पिटल का भवन 9 मंजिला होगा, जिसमें बेसमेंट भी शामिल है। मेडिकल कॉलेज का भवन 8 मंजिला होगा इसमें भी बेसमेंट बनाया जाएगा। नर्सेस होस्टल, आरडीएच ब्लॉक व यूजी इंटर्न गर्ल्स होस्टल के भवन 14 मंजिला होंगे। वहीं यूजी इंटर्न बॉइस होस्टल का भवन 11 मंजिला होगा। मेडिसिटी चिकित्सा महाविद्यालय सम्पूर्ण रूप से दक्ष होगा इसमें रिसर्च एंड डवलपमेंट की सभी सुविधाएँ होंगी। इस महाविद्यालय में 550 बेड की क्षमता का अस्पताल होगा तथा इसमें 150 मेडिकल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जाएगी। महाविद्यालय में 380 क्षमता का नर्सिंग होस्टल, यूजी इन्टर्न गर्ल्स व बोइस होस्टल, सर्विस ब्लॉक, लाईब्रेरी, पार्किंग, जिमनेशियम, फुटओवर ब्रीज की सुविधाओं से सम्पन्न होगा। मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज के भवन में ऊर्जा दक्षता, फायर सेफ्टी, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, सोलर पॉवर, इलेक्ट्रिसिटी बेकअप, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लाँट आदि में आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा।
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ऑक्सीजन मिल गई पटवारी को
विजयनगर सीट पर कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा की जीत से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को ऑक्सीजन मिल गई है। वरना तो पार्टी में भी उनके खिलाफ बने माहौल से माना जा रहा था कि कभी भी जा सकते हैं।
छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने जन्मदिन पर जो दो दिनी जलसा किया और उसमें जीतू पटवारी विरोधियों ने शामिल होकर जो उत्साह दिखाया उससे माना जा रहा था प्रदेश कांग्रेस में उलटफेर तय है। विजयनगर में कांग्रेस की जीत से पटवारी को राहत मिली है किंतु यह भी माना जा रहा है कि कमलनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में जिम्मेदारी मिल सकती है।
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फिर बढ़ गया विजयवर्गीय का कद
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने नागपुर क्षेत्र की 12 सीटों का जिम्मा मप्र के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को सौंपा था। उनके भरोसे पर विजयवर्गीय खरे साबित हुए 12 में से 9 सीट पर भाजपा को सफलता मिली है। विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला इंदौर से अपने विश्वस्त साथियों की फौज लेकर गए थे। इन सब ने भी अपने नेता के निर्देशों का पालन किया। आपसी विश्वास-समन्वय-सहयोग का ही परिणाम रहा कि हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली भाजपा की सफलता ने उनका कद फिर बढ़ा दिया।
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