लॉक डाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम की घटनाओं में जबरदस्त इजाफा
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना महामारी की वजह से किए गए लॉक डाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को अपराधी ऑनलाइन क्राइम के लिए टारगेट कर रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में साइबर क्राइम की 54 शिकायतें मिली हैं, जबकि मार्च में ऐसी 37 शिकायतें ऑनलाइन और पोस्ट के जरिए मिली थीं और फरवरी में ऐसी शिकायतों की संख्या 21 ही थी।
देशव्यापी तालाबंदी के कारण पैनल ऑनलाइन शिकायतें स्वीकार कर रहा है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, आकांक्षा फाउंडेशन ने कहा- हमें 25 मार्च से 25 अप्रैल तक साइबर दुर्व्यवहार की कुल 412 वास्तविक शिकायतें मिलीं। इनमें से 396 शिकायतें गंभीर थीं और ये दुर्व्यवहार, अश्लील प्रदर्शन, अश्लील वीडियो, धमकी से लेकर उनके खाते को हैक करने का दावा करने वाले दुर्भावनापूर्ण ई-मेल, फिरौती की मांग, ब्लैकमेलिंग आदि की थीं।
फाउंडेशन की संस्थापक आकांक्षा श्रीवास्तव श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें रोजाना औसतन 20-25 शिकायतें मिल रही हैं, जबकि लॉकडाउन से पहले यह संख्या प्रति दिन 10 से कम थी। यह एक "महत्वपूर्ण" वृद्धि है और यह सिर्फ हताशा व गुस्सा है, जो अभी सामने आ रहा है। यह निराशा का एक रूप है क्योंकि साइबर अपराधी भी अभी बंद हैं।
बताते चलें कि 25 मार्च से देशभर में 14 अप्रैल तक लगाए पहली बार लॉक डाउन किया गया था, ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके। इसके बाद भी संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को फिर 3 मई तक बढ़ाया और एक बार फिर इसे 15 मई तक बढ़ाया गया है, ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
बताते चलें कि चीन के वुहान शहर से फैले इस वायरस की वजह से अब तक 1,147 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि देश में 35,043 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।