उत्तराखण्ड : कोरोना सर्वे करने गई टीम के साथ हुई बदसलूकी, नए कानून के तहत मामला दर्ज
कोरोना वायरस महामारी का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस महामारी के संकट के बीच सबसे आगे होकर लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ देश में बदसलूकी रुक नहीं रही है. अब उत्तराखंड के हरिद्वार में जब एक गांव में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम कोरोना वायरस से जुड़ा सर्वे करने पहुंची तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.
हरिद्वार के माखनपुर गांव में मंगलवार को आशा वर्कर की एक टीम सर्वे करने के लिए पहुंची, जहां उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. इस मामले में अब हाल ही में पास हुए नए अध्यादेश के तहत केस दर्ज किया गया है. एफआईआर दर्ज होने के अलावा एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है.
इस टीम का हिस्सा रहीं अनीता के मुताबिक, वो लोग कोरोना वायरस से जुड़ा सर्वे करने गए थे जहां वो परिवारों को डाटा इकट्ठा कर रहे थे. लेकिन, जब हम आखिरी घर में गए तो हमसे सभी नामों को मिटाने के लिए कहा गया, एक महिला ने रजिस्टर छीना और नाम हटाने लगी. इतना ही नहीं रजिस्टर को भी फाड़ दिया गया और हमारे साथ बदसलूकी की गई.
गौरतलब है कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था, जिसके तहत स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. इसके तहत 3 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि ये गुनाह गैर-जमानती है. इसी नए एक्ट के तहत इस मामले में कार्रवाई की गई है.
बता दें कि पिछले काफी समय में देश के अलग-अलग हिस्सों से स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी की घटनाएं सामने आई थीं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया था.
अगर आंकड़ों की बात करें तो देश में कोरोना वायरस के कुल मामले 31 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और देश में एक हजार से अधिक लोग इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं.