राहत की खबर : चण्डीगढ़ में कोरोना के ईलाज में कुष्ठ रोग की वैक्सीन से मिले सकारात्मक परिणाम
कोरोना वायरस का इलाज खोलने के लिए दुनियाभर में ट्रायल हो रहे हैं। हाल ही में ब्रिटेन में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन ट्रायल शुरू हुआ। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस में भी वैज्ञानिक दिन-रात इसी दिशा में लगे हैं। भारत भी पीछे नहीं हैं। यहां प्लाज्म थैरेपी से लेकर लैप्रोसी और सेप्सिस का टीका आजमाने की तैयारी भी चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही कायमाबी मिलेगी और मानवजाति के सबसे बड़े दुश्मन कोरोना को एक दिन हार का मुंह देखना पड़ेगा।
कुष्ठ रोग की एमडब्ल्यू वैक्सीन कोरोना के इलाज में कारगर
कुष्ठ रोग में मरीजों को दी जाने वाली एमडब्ल्यू वैक्सीन का पीजीआई चंडीगढ़ ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर परीक्षण किया है। इन कोरोना पॉजिटिव 4 मरीजों को लगातार तीन दिन तक एमडब्ल्यू वैक्सीन देकर कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज किया। जिसके रिजल्ट बेहतर आए हैं और यह चारों कोरोना पॉजिटिव मरीजो की पहले से मेडिकल कंडीशन काफी सुधरी है जो कि जल्दी ठीक हो जाएंगे। यह कहना है पीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर जगतराम का। डायरेक्टर जगत राम ने बताया कि पीजीआई के कोविड वार्ड में एडमिट कोरोना पॉजिटिव अन्य पेशंट पर भी जल्दी एमडब्ल्यू वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा ताकि इन मरीजों को भी ठीक किया जा सके। जगतराम ने कहा कि पीजीआई ने जिन चार मरीजों पर एमडब्ल्यू वैक्सीन का परीक्षण किया था। उनकी मेडिकल कंडीशन बहुत सुधरी है। इस वैक्सीन के परिणाम अच्छे आए हैं।
चीन में कोरोना वैक्सीन के तीन नमूनों का क्लिनिकल ट्रायल
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे चीन को लगातार तीन वैक्सीन नमूनों में सफलता मिली है। तीनों वैक्सीन को उनके दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में सफलता मिली है। इन वैक्सीन में से एक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने तैयार की है। जबकि एक उसी विवादित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलॉजी (डब्ल्यूआइवी) ने तैयार की है जहां से कोरोना वायरस के फैलने का शक है।
टीके बनाने के लिए तीन कंपनियों को फंडिंग को मंजूरी
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने तीन कंपनियों को चुना है, जिन्हें कोविड-19 का टीका विकसित करने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। ये कंपनियां हैं-कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड तथा सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड। इसके अलावा विभाग को जांच और इलाज के तरीके निकालने के 13 अन्य प्रस्ताव भी मिले। डीबीटी और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग शोध सहायता परिषद ने कोविड-19 पर शोध के लिए आवेदन मंगाए थे। डीबीटी ने एक बयान में कहा कि पहले चरण के तहत शिक्षा संस्थानों और उद्योगों से लगभग 500 आवेदन मिले। बयान के मुताबिक इन आवेदनों की बहुस्तरीय समीक्षा जारी है और अब तक धन सहायता मुहैया कराने के लिए 16 प्रस्तावों की सिफारिश की गई है। यह मिशन 2017 में टीकों और दवाओं के विकास में कंपनियों के समूह को मदद के लिए शुरू किया गया है। डीबीटी की सचिव रेणु स्वरूप ने बताया कि अन्य प्रस्तावों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि डायग्नोस्टिक किट और वेंटीलेटर के निर्माण के लिए डीबीटी के राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के तहत आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन (एएमटीजेड) में एक साझा सुविधा केंद्र की स्थापना की जाएगी।
भारत में लैप्रोसी और सेप्सिस का टीका आजमाने की तैयारी
कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में एचसीक्यू और बीसीजी(टीबी के टीके) को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच अब वैज्ञानिकों ने एक नई उम्मीद जगाई है। सीएसआइआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) का मानना है कि लैप्रोसी और सेप्सिस जैसी बीमारियों में इस्तेमाल टीका कोरोना में कारगर हो सकता है।
नाक में कोरोना के दाखिल होने वाले बिंदुओं की पहचान
वैज्ञानिकों को नाक में उन दो खास प्रकार की कोशिकाओं (सेल्स) की पहचान करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है, जो संभवतः कोरोना वायरस से सबसे पहले संक्रमित होती हैं। ये कोशिकाएं शरीर में कोरोना के दाखिल होने के लिए प्रवेश द्वार के तौर पर काम कर सकती हैं।
ब्रिटेन में जारी है दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल
ब्रिटेन में वैक्सीन का टेस्ट जारी है। बीते दिनों चुनिंदा मरीजों को टीके लगाए गए। यह दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग ट्रायल बताया जा रहा है। अप्रत्याशित तेजी से इन्सानों पर शुरू हुए इस vaccine trial पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। वैज्ञानिकों ने परीक्षण में सफलता की 80 फीसदी संभावना जाहिर की है। ब्रिटेन में 165 अस्पतालों में करीब 5000 मरीजों का 1 महीने तक और इसी तरह से यूरोप और अमेरिका में सैकड़ों लोगों पर यह vaccine trial होगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विभाग को प्रोफेसर पीटर हॉर्बी बताते हैं, यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल है।