पालघर में हुई हिंसा से संत समाज में भारी रोष व्याप्त, CBI जॉंच की मांग
महाराष्ट्र के पालघर में बीते दिनों हुई मॉब लिंचिंग के खिलाफ देशभर में गुस्सा है। 17 अप्रैल को लॉकडाउन के बीच में कुछ लोगों ने साधुओं को बच्चा चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। 3 मृतकों में 2 साधू थे। मामला गर्माने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 101 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा उद्धव ठाकरे सरकार से जवाब मांग रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है।
स्वामी वासुदेवानंद ने पालघर में संतों की हत्या की सीबीआई जांच की
वाराणसी। महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो संतो और उनके गाड़ी चालक की हत्या के मामले में श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद ने सीबीआई जांच की मांग की है। कहा है कि संतों की पुलिस की मौजूदगी में हत्या निंदनीय है। महाराष्ट्र सरकार दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करे नहीं तो लापरवाही उसके लिये घातक होगी। केंद्र सरकार से मांग की है कि इस घटना की सीबीआई जांच हो।
पालघर मॉब लिंचिंग पर बोले सीएम उद्धव ठाकरे
पालघर मॉब लिंचिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि दोषियों को कानून सजा देगा। पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। यह शर्मनाक घटना है, जिसकी हम निंदा करते हैं।
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में सीएमओ महाराष्ट्र को टैग करते हुए लिखा, 'भारत की सबसे बड़ी परेशानी है कि हम गिरफ्तारी से ही आसानी से संतुष्ट हो जाते हैं, जबकि सवाल यह है कि पुलिस की मौजूदगी में यह सब हुआ कैसे? मैं हैरान हूं कि बाला साहेब क्या कहते? खैर, सबसे पहले वह अपने बेटे को भटकने की इजाजत नहीं देंते।'
पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने बताया शर्मनाक
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या को पूर्व भारतीय क्रिकेट इरफान पठान ने शर्मनाक करार दिया है। इरफान ने इस घटना को लेकर एक ट्वीट किया है और दुख जताया है। इरफान पठान ने लिखा, 'पालघर मॉब लिंचिंग की तस्वीरें देखकर बेहद दुख हुआ। काफी भयानक और बर्बर। शर्मनाक।'
पालघर: पहले हुआ था डॉक्टरों पर हमला
साधुओं की मॉब लिंचिंग से तीन दिन पहले एक डॉक्टर और तीन पुलिसवालों के साथ थाने के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंद काले पर ग्रामीणों ने चोर-डाकू समझ कर हमला बोल दिया था।
पुलिस की भूमिका पर इसलिए उठ रहे सवाल
पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पुलिस को समय पर सूचना दी गई थी। पुलिस के कुछ लोग मौके पर पहु्ंचे थे, तब तक साधु जिंदा था, लेकेिन पुलिस ने वहां कोई कार्रवाई नहीं की और इसके बाद ही भीड़ ने साधुओं को अपना निशाना बनाया। यह देखकर पुलिस वाले भाग गए।