कोरोना के खिलाफ जंग में मासूम बच्चे दे रहे देश का साथ, दान में दी अपनी गुल्लक
संकट की इस घड़ी में जब कोरोना देश और दुनिया पर कहर बनकर बरस रहा है। बड़े ही नहीं, बच्चे भी दिलखोल कर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी तरफ से दिल खोलकर दान दे रहे हैं। ताजा मामाला आंध्र प्रदेश के विजयवाडा का है, जहां चार साल के बच्चे ने 971 रुपए सरकार को दान दिए हैं, जिसे वह साइकिल खरीदने के लिए जोड़ रहा था। हेमंत ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी बचत से जोड़े गए पैसों को दान दिया। उसने टार्डपल्ली में पार्टी कार्यालय में परिवहन मंत्री पेर्नी वेंकटरामैया को यह राशि सौंपी।
वेंकटरामैया ने बच्चे के हाव-भाव की सराहना की और आश्वासन दिया कि वह जल्द ही उसे साइकिल गिफ्ट करेंगे, जिसके लिए वह पैसे बचा रहा था। उन्होंने कहा कि चार साल की मासूम उम्र में एक बच्चे के लिए यह शायद आखिरी बात हो कि वह महामारी के बारे में चिंतित हो।
इससे पहले मेघालय के पांच साल के एल मय नोंगबरी ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अपना गुल्लक दान दिया था। उसके चेहरे पर नकाब था और वह रुपये से भरा गुल्लक लेकर गया था। उसके हाथों में 1,501 रुपए थे। उसने यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के रूप में दी थी।
मध्य प्रदेश के दो बच्चों ने पुलिस इंस्पेक्टर के हाथ सौंप दिए थे पैसे
मध्यप्रदेश के नीमच में 2 बच्चों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी गुल्लक तोड़कर कंजार्डा थाने के टीआई को पैसे दिए। खेड़ली गांव का रहने वाला केशव परिहार अपनी गुल्लक तोड़कर पैसे लिए चौकी पहुंच गया और कहा कि अंकल यह पैसे मेरी ओर से कोरोना बीमारी की सहायता के लिए भेज दीजिएगा। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
मिजोरम के बच्चे ने गुल्लक से दिए 333 रुपए
मिजोरम के कोलासिब कस्बे के सात साल के एक बच्चे के अपने गुल्लक में जमा पैसा दान कर दिया है। मिजोरम निवासी जोमुआपुईया ने बताया कि कोलासिब के वेंग्लाई इलाके के सात साल के रोमेल लालमुआसांगा ने ग्राम स्तरीय कार्यबल को 333 रुपए दान दिए हैं।
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा सहित कई लोगों ने उसकी सराहना की है। मुख्यमंत्री ने उसे 'हीरो' बताते हुए उसे शुभकामना दी है।