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लॉकडाउन : UAE में फंसे माता-पिता ने फेसबुक पर देखा अपने बेटें का अंतिम संस्‍कार



दुबई। कोरोना वायरस ने लोगों को ऐसे जख्म दिए हैं, जो शायद कभी न भर सकें। कई लोग अपने परिजनों के आखिरी समय में न तो जा पाए हैं और न ही अंतिम संस्कार तक का मौका उन्हें मिला है। इस दुख को वे जीते जी शायद कभी नहीं भुला सकेंगे। ऐसी ही कहानी है एक भारतीय परिवार की, जो दुबई में फंस गया था और भारत के केरल में उनके बेटे का जब अंतिम संस्कार किया गया, तो परिवार के अन्य सदस्य इसे फेसबुक के जरिये ही देख सके।

साल 2004 में ईस्टर के दिन जन्मे जुएल जी जोमे (Jeuel G Jomay) सात साल तक कैंसर से लड़ने के बाद इस गुड फ्राइडे के दिन हार गए। वह 11 अप्रैल को 16 साल के होने से महज एक दिन पहले दुनिया को अलविदा कह गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि शारजाह में जीईएमएस मिलेनियम स्कूल के 10वीं कक्षा के एक छात्र जोमे ने दुबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली, जहां उसे दो सप्ताह पहले भर्ती कराया गया था।

उनके परिवार में उनके माता-पिता और दो छोटे भाई शामिल थे। वे जोमे के पार्थिव शव को पठानमथिट्टा (Pathanamthitta) में अपने गृहनगर में दफनाना चाहते थे। कई दिनों के संघर्ष के बाद परिवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों की मदद से बुधवार को एक कार्गो विमान पर अपने बच्चे के अवशेषों को भेजने की मंजूरी मिल गई। हालांकि, उनमें से कोई भी उड़ान नहीं भर सका।

जोमे के चचेरे भाई ने कहा कि जल्द ही किसी भी फ्लाइट को उड़ान की मंजूर नहीं मिल रही थी। उसके पिता उसके साथ उड़ान भरना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं था। आखिरकार, हम उसे कल भेजने में कामयाब रहे। हम उन सभी के आभारी हैं, जिन्होंने हमारी मदद की।

परिवार के सदस्य ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध और सामाजिक दूरी के नियमों के उल्लंघन के कारण, केवल परिवार के सदस्य ही शव यात्रा केंद्र में आयोजित एक प्रार्थना में शामिल हो सकते थे। शव को अमीरात मालवाहक उड़ान से केरल ले जाया गया, जहां जोमे का अंतिम संस्कार किया गया और परिजनों ने फेसबुक के जरिये श्रद्धांजलि दी।

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