मंत्रियों ने सीएम कमलनाथ को सौंपे सामूहिक इस्तीफे, सिंधिया को मनाने की कवायद शुरू
मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। कमलनाथ सरकार पर छाए संकट को दूर करने के लिए आधी रात को कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह की मदद मांगी। मालूम हो कि सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रिश्तेदार हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह किसी भी सूरत में सिंधिया को मनाएं।
कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह की भोपाल वापसी और वरिष्ठ नेताओं से मेल-मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इसके बाद तेजी से घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सीएम शाम को राजधानी पहुंच गए। सोनिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुलाकात के लिए बुलाया है। वहीं बैठक के बाद सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सीएम को सौंप दिए हैं। ये सभी कमलनाथ समर्थक और अन्य मंत्री हैं जबकि सिंधिया समर्थक 8 मंत्री बैठक में मौजूद नहीं थे।
बैठक के बाद मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि करीब 20 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सीएम को सौंपकर कहा है कि वे अब फिर से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं। हम भाजपा की चाल को कभी सफल नहीं होने देंगे। वर्मा ने कहा कि चार बार फ्लोर टेस्ट में भाजपा मुंह की खा चुकी है। उन्होंने कहा कि सिंधिया कहीं नहीं गए। यह सरकार पूरे पांच साल चलेगी। कल विधायक दल की बैठक बुलाई है।
सूत्रों के अनुसार एक जानकारी यह भी मिली है कि राजस्थान की तर्ज पर सिंधिया को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और उनके किसी खास मंत्री या विधायक को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। सीएम ने आपात बैठक के बाद देर रात कैबिनेट की बैठक भी ली। बताया जाता है कि इसमें तय किया गया है कि दिल्ली से आलाकमान जो तय करेगा वह मान्य होगा। बैठक के बाद सीएम ने आरोप लगाया कि माफिया के सहयोग से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता की बनाई सरकार अस्थिर नहीं होगी।
राजनीतिक गलियारों में सिंधिया के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। सीएम ने कल सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है।सोमवार की रात को तेजी से बदले घटनाक्रम की वजह से कांग्रेस ने सभी विधायकों को सूचना भेजी है। विधायक दल की बैठक सुबह 10 बजे बुलाई गई है। हालांकि सोमवार को दोपहर से जिन विधायकों से किसी का संपर्क नहीं हो पा रहा, उन्हें विधायक दल की बैठक की सूचना पहुंचाने को लेकर गफलत बनी रही है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो सिंधिया भाजपा मेें जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजने का आश्वासन दिया है लेकिन सिंधिया कैबिनेट में भी जगह पाना चाहते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों के बेंगलुरु जाने और फोन बंद होने की खबरों के बीच सीएम अचानक वापस भोपाल आ गए।स्टेट हैंगर से वे सीएम हाउस के लिए रवाना हुए। उनके साथ सांसद विवेक तन्खा, मंत्री पीसी शर्मा, सुरेंद्र बघेल और जीतू पटवारी भी थे। जानकारी के अनुसार सीएम ने मंत्रियों के साथ आपात बैठक की। इसमें करीब 10 मंत्री मौजूद रहे।
दिग्विजय सिंह भी बैठक में पहुंचे। वहीं सिंधिया के सचिन पायलट से मिलने की जानकारी भी सामने आ रही है। बताया जाता है कि सिंधिया को राज्यसभा में भेजने के साथ उनके समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सिंधिया की पार्टी छोड़ने और पीएम से मुलाकात की अटकलें भी वायरल हो रही हैं वहीं सीएम ने रात को फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई । देर रात तक मंत्रियों से सीएम का विचार विमर्श चलता रहा।
बैठक के लिए पुलिस महानिदेशक राजेंद्र कुमार और इंटेलिजेंस प्रमुख भी पहुंचे। मीडिया को आकाशवाणी और भारत भवन के पास ही रोका गया। जब दिग्विजय ने मीडिया से कहा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पूछना है तो सिंधिया से पूछें। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधौ और वनमंत्री उमंग सिंघार भी पहुंचे।
इसस पहले दिल्ली में मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि जाे मार्गदर्शन सोनिया गांधी ने दिया है उसका पूरी तरह पालन करुंगा। कमलनाथ की इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की भी जानकारी मिली है। कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी से अब रहा नहीं जा रहा। 15 वर्षों के दौरान उन्होंने जो भ्रष्टाचार किया है वह अब उजागर हो रहा है इससे वे क्षुब्ध हैं।
कमलनाथ रविवार देर शाम नई दिल्ली रवाना हो गए थे। समझा जाता है कि पार्टी नेताओं से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार, कैबिनेट विस्तार और मौजूदा राजनीतिक हालातों पर पार्टी नेताओं के साथ उनकी चर्चा हुई।
वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंधिया गुट के एक दर्जन से अधिक विधायकों और मंत्रियों के बेंगलुरु जाने की खबरें सामने आ रही हैं। कुछ विधायकों के माेबाइल भी बंद बताए जा रहे हैं। प्रदेश के खुफिया विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि सिंधिया खेमे के मंत्री और विधायक चार्टर्ड प्लेन से बेंगलुरु भेजे गए हैं।
मंत्री तुलसी सिलावट,महेंद्र सिसोदिया के मोबाइल बंद हैं। वहीं मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह को लेने विशेष विमान ग्वालियर भेजा गया । साथ पशुपालन मंत्री लाखन सिंह भी हैं। अटकलों के अनुसार सिंधिया को जल्दी ही पार्टी कोई अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है। एक अन्य जानकारी के अनुसार वे दिल्ली में हैं और पीएम से मिल सकते हैं।
छिंदवाड़ा का कार्यक्रम रद्द
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश की सियासत में तेजी से घट रहे घटनाक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लगातार मंत्रियों और विधायकों से संवाद कर रहे थे। रविवार को उन्हें छिंदवाड़ा जाना था, लेकिन उन्होंने इसे निरस्त कर दिया था। मुख्यमंत्री निवास में वे दिनभर मंत्री, विधायक और नेताओं से मिलते रहे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ भी बैठक की। इसमें मुख्य सचिव सुधिरंजन रंजन मोहंती भी मौजूद थे। देर शाम बेंगलुरु से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह इंदौर होते हुए भोपाल आए और मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इसके बाद वे रात साढ़े आठ बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
दो रास सीटों पर दावेदारी
पार्टी नेताओं का कहना है कि अब स्थिति नियंत्रण में है और अब आगे की रणनीति पर काम हो रहा है, क्योंकि 13 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन का अंतिम दिन है। पार्टी दो सीटों पर दावेदारी कर रही है। इसके लिए दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मीनाक्षी नटराजन सहित अन्य नेताओं के नाम उभरकर सामने आए हैं।
सुरेंद्र सिंह शेरा ने गृहमंत्री बनने की इच्छा जताई
दूसरी ओर विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने गृहमंत्री बनने की इच्छा जताई है। एक समाचार चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि वर्तमान गृहमंत्री बाला बच्चन में क्षमता नहीं है। वे पुलिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाना चाहते हैं। उनके बयान के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी शेरा को अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं हैं। शेरा भाई की राजनीति करने का तरीका अलग है। मंत्रालय देने का काम सीएम और हाईकमान का है। वे मंत्री बनें और ऊंचे ओहदे पर पहुंच जाएं। एक मित्र के नाते हम साथ काम करते रहेंगे।
भाजपा ने भी मंगलवार को अपने विधायकों की बैठक बुला ली है। यह बैठक शाम सात बजे होनी है।