नसबंदी पर दिये फरमान के बाद कमलनाथ सरकार ने लिया यू-टर्न
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने फजीहत के बाद पुरुष नसबंदी का टारगेट पूरा करने को लेकर जारी किया आदेश वापस ले लिया है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) की ओर से नसबंदी का टारगेट पूरा नहीं होने पर स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन रोकने और सेवानिवृत्त किए जाने का फरमान जारी किया गया था. इस पर स्वास्थ्य कर्मियों के बीच भारी नाराजगी थी. वहीं बीजेपी ने भी इस आदेश को कमलनाथ सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा करने के लिए जमकर भुनाया.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, ''मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है. क्या ये कांग्रेस का इमर्जेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू (Male Multi Purpose Health Workers) के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है.''
आदेश को वापस लिया: पीसी शर्मा
कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि NHM की मिशन संचालक छवि भारद्वाज से बात कर इस आदेश को वापस ले लिया गया है. किसी अधिकारी की गलती के चलते आदेश जारी हुआ था. इस संबंध में स्वास्थ मंत्री तुलसी सिलावट से बात भी हुई. जिसके बाद नसंबदी पर जारी आदेश को वापस ले लिया गया है. इस मामले में बीजेपी नेताओं की ओर से आई प्रतिक्रिया पर निशाना साधते हुए पीसी शर्मा ने कहा, "ऐसे ही बयानों के चलते बीजेपी प्रदेश से साफ हो गयी है.''
हटाई गई NHM की मिशन संचालिका
इस मामले में NHM की मिशन संचालक छवि भारद्वाज को उनके पद से हटाकर मंत्रालय में तैनाती दी गई है. आपको बता दें कि NHM की तरफ से आदेश जारी कर स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए हर महीने कम से कम 5 पुरुषों की नसंबदी करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से लक्ष्य हासिल न कर पाने पर उनके वेतन में कटौती और VRS देने की चेतावनी दी गई थी.