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आरक्षण पर कोर्ट के फैसले के बाद ही जारी होगा मध्य प्रदेश पीएससी का रिजल्ट



इंदौर। 12 जनवरी को हुई राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट के लिए उम्मीदवारों को अभी और इंतजार करना होगा। आरक्षण को लेकर जारी कानूनी लड़ाई इसकी वजह बन रही है। पीएससी ने साफ कर दिया है कि जब तक आरक्षण पर कोर्ट अंतिम निर्णय न सुना दे, तब तक परिणाम जारी नहीं किया जाएगा। 27 फरवरी के बाद ही इस पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। पीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा की फाइनल आंसरशीट भी डेढ़ सप्ताह पहले ही जारी कर दी है। सामान्यतः अंतिम उत्तरकुंजी जारी होने के तीन-चार दिनों में पीएससी रिजल्ट भी जारी कर देता है। इस बार ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि आरक्षण को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। पीएससी के सचिव दिनेश जैन के मुताबिक 27 फरवरी को इस याचिका पर सुनवाई है। यह अंतिम सुनवाई हो सकती है। कोर्ट जब निर्णय देगा, तब ही आयोग रिजल्ट जारी करेगा। क्योंकि कोर्ट का आदेश मौजूदा फॉर्मूले से कुछ भी अलग हुआ और हमने पहले रिजल्ट जारी कर दिया तो फिर से रिजल्ट संशोधित करने की नौबत आएगी। ऐसी किसी भी स्थिति में कानूनी विवाद भी बढ़ेंगे। इससे आगे की प्रक्रिया भी बाधित होगी। हम इस सबसे बचने के लिए कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।

सहायक प्राध्यापकों के दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग
इधर, प्रदेश सरकार की नीति के खिलाफ महीनेभर से धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों ने पीएससी द्वारा की गई सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग उठा दी है। अतिथि शिक्षकों के आंदोलन को लेकर ही सिंधिया भी सरकार के विरोध में बयान दे चुके हैं। पीएससी द्वारा बीती सरकार के कार्यकाल में हुई अतिथि शिक्षक चयन प्रक्रिया में तमाम गड़बड़ियों के आरोप लग रहे हैं। इस सरकार ने जांच के बजाय सभी को नियुक्ति दे दी। इससे कांग्रेस के लोग भी नाखुश हैं। इसी के चलते अतिथि शिक्षकों को भी नौकरी से हटा दिया गया।

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