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बच्‍चा चोर की अफवाह फैला भीड़ ने की किसानों की पिटाई, रूपयों के लेन-देन में हुई वारदात



इंदौर/मनावर। मजदूरों को बतौर एडवांस दिए रुपए लेने आए सांवेर तहसील के खेड़ा गांव के किसानों ने बुधवार सुबह 9 बजे तिरला थाने पहुंचकर सूचना दे दी थी। पुलिस ने उनसे कहा था कि तुम रुपए मांग लेना, विवाद मत करना। लेकिन किसानों को नहीं मालूम था कि बच्चा चोर की अफवाह फैलाकर उनके साथ जमकर मारपीट की जाएगी। वाहनों में तोड़फोड़ के साथ आग लगा दी जाएगी। किसान एक मकान में छिप गए, लेकिन भीड़ ने दरवाजा तोड़कर उन्हें निकाला और बेरहमी से पीटते रहे। ग्राम खेड़ा के किसानों के साथ जिस तरह मारपीट की गई, उसके वायरल वीडियो देखकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। भीड़ के हाथ में लाठी-पत्थर जो आया वह बरसाना शुरू कर दिया। पीड़ित जान की भीख मांग रहे थे, लेकिन गुस्साई भीड़ ने मानवीयता की हद पार कर दी। एक व्यक्ति पर 200 से 300 लोग प्रहार कर रहे थे। पुलिस के दो जवानों के आने पर भी भीड़ किसानों को पीटती रही। पुलिस बल ने पहुंचकर अश्रु गैस के गोले छोड़ भीड़ को तितर-बितर किया।

विनोद पिता तुलसीराम मुकाती निवासी शिवपुर खेड़ा गांव तहसील सांवेर जिला इंदौर ने बताया कि मैं खेती करता हूं। मेरे सहित मेरे ही ग्राम के गणेश पिता मनोज तथा लिम्बा पिपलिया के राधेश्याम पिता लिम्बा, नरेंद्र पिता सुंदरलाल शर्मा, जगदीश पिता राधेश्याम शर्मा व जगदीश पिता पूनमचंद्र ने तिरला ब्लॉक के खिरकिया ग्राम के पांच मजदूरों अवतार, जामसिंह, महेश, राजेश व सुनील को 6-7 माह एडवांस के तौर पर हरेक को 50-50 हजार रुपए (कुल ढाई लाख रुपए) दिए थे। ये पांचों हमारे यहां मजदूरी पर आने की बजाए गुजरात चले गए थे। जब इन लोगों से हमने रुपए वापस मांगे तो इन्होंने अपने ग्राम में रुपए लेने के लिए हमें बुलाया था। बुधवार सुबह 6 बजे हम पांचों के साथ रवि पिता शंकरलाल निवासी लिम्बा पिपलिया दो कारों में सवार होकर खिरकिया के लिए निकले। हमें इलाके के बारे में जानकारी नहीं थी तो हमने खिरकिया ग्राम के ही मुकेश पिता अंतरलाल, जो हमारे ग्राम में मजदूरी के लिए आया था, को भी साथ बैठा लिया।

हम सातों करीब सुबह 9 बजे तिरला पुलिस थाने पहुंचे तथा वहां पुलिस को अपने आने का कारण बताया। इसके बाद हम तिरला से करीब 8 किमी दूर खिरकिया ग्राम पहुंचे। जहां पहुंचते ही 15-20 ग्रामीणों ने हमारा रास्ता रोक लिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। हम घबरा गए। जैसे-तैसे कार पलटाकर जान बचाकर भागे। मनावर रास्ते पर गाड़ी दौड़ा दी। इसी दौरान खिरकिया के पत्थरबाजों ने आगे के ग्रामों में मोबाइल के जरिए झूठी सूचना फैला दी कि दो वाहनों में कुछ लोग दो बच्चों का अपहरण कर भागे हैं। सूचना फैलते ही ग्रामीणों ने हमारा पीछा शुरू कर दिया। रास्ते में तीन-चार स्थानों पर हमें रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन हम वाहन भगाते रहे। करीब 20 किमी दूर ग्राम बोरलाई में 150 से 200 लोगों ने बाइक अड़ाकर हमारी दोनों कारों को रोक लिया। देखते ही देखते वहां भीड़ जमा होना शुरू हो गई। हमने बचाव के लिए पास ही स्थित दुकान में घुसकर दरवाजा लगा लिया, लेकिन भीड़ ने दरवाजा तोड़ दिया और बुरी तरह से हमारे साथ लकड़ी, पत्थर आदि से मारपीट शुरू कर दी। उसके बाद हम सब बेसुध हो गए।

दुकानदार को पांच लाख रुपए का नुकसान : दिनेश जायसवाल निवासी बोरलाई ने बताया कि पास ही मेरी मोबाइल व किराना की दुकानमकान है। मैं किसी कार्यवश दुकान पर नहीं था। मेरा बालक था। कार सवार लोग मेरे मकान में घुसे व दरवाजा अंदर से लगा लिया। करीब आधे घंटे तक कार सवार अंदर ही रहे। ग्रामीणों ने मेरी दुकान का शटर व दरवाजा तोड़ दिया। दुकान का सामान भी लूट लिया। करीब चार से पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ। पुलिस का डायल-100 वाहन मौके पर आया, लेकिन पुलिस जवान केवल दो थे। भीड़ के सामने पुलिस असहाय थी। पुलिस के सामने ही भीड़ वाहन सवारों को पीटती रही। मारते-मारते कार सवारों को बेसुध कर दिया। एक कार को धका कर गांव के बाहर ले गए और उसे आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस के अन्य जवान आए तथा अश्रु गैस छोड़कर भीड़ को तितर-बितर किया।

पहले कार जलाई, फिर हमें भी जलाने वाले थे
घायल जगदीश शर्मा ने बताया कि ग्राम खिरकिया जैसे ही हमने कार रोकी, वैसे ही पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद जब हम वहां से निकले तो इन लोगों ने पास के गांव बोरलाई में बच्चा चोर की सूचना दे दी। वहां पर हमें इस कदर मारा गया कि जिसकी हद नहीं। हमारी कार को आग लगा दी गई और उसके बाद हमें भी जलाने की कोशिश की गई। जगदीश ने कहा कि हमने तिरला थाने पर सूचना दी थी। वहां से हमें कहा गया कि तुम लोग खिरकिया चले जाओ, लेकिन वहां विवाद मत करना।

मजदूरों को एडवांस देने की है परंपरा
लगातार कई सालों तक मजदूरी करने के कारण किसानों और मजदूरों के बीच में एक विश्वास का रिश्ता कायम हो जाता है। ऐसे में बड़ी रकम भी किसान मजदूरों को एडवांस दे देते हैं। ताकि जब फसल कटाई का वक्त आए तब उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कई बार खराब मौसम के कारण अचानक से फसल कटाई करवाना पड़ती है। तब मजदूरी नहीं मिलने पर काफी नुकसान के हालात बनते हैं। मालवा अंचल मालवा क्षेत्र में इस तरह की परंपरा रही है कि मजदूरों को एडवांस राशि दी जाती है और मजदूर भी बकायदा विश्वास के साथ में अपना काम करके देते हैं। संभवत: क्षेत्र में इस तरह की पहली घटना हुई है। राशि नहीं लौटाने की घटना होती रही है। लेकिन इस तरह का विवाद पहली बार प्रकाश में आया है।

सभी घायल इंदौर रेफर
डॉ. अमित जायसवाल ने बताया कि घायल गणेश व रवि को गंभीर चोट आने पर तुरंत ही बड़वानी रेफर किया था। घायल जगदीश पिता राधेश्याम, नरेंद्र पिता सुंदरलाल, जगदीश पिता पूनमचंद्र व राधेश्याम पिता लिम्बा को उपचार उपरांत इंदौर रेफर किया।

हत्या और बलवा का प्रकरण दर्ज किया
मनावर थाना प्रभारी युवराजसिंह चौहान ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तथा अश्रु गैस छोड़कर भीड़ को खदेड़ा। घायलों को अस्पताल लाया गया। गंभीर घायल गणेश (38) पिता मनोज को बड़वानी रेफर किया गया था, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। इन कार सवारों के साथ खिरकिया ग्राम का मजदूर मुकेश पिता अंतरलाल भी था, जो गायब है। उसे ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। मामले में आरोपित अवतारसिंह, भुवानसिंह, जामसिंह तथा 40 से 45 लोगों पर हत्या, हत्या का प्रयास व बलवा में प्रकरण दर्ज किया है।

पुलिस ने हत्या और हत्या के उपचार उपरांत इंदौर रेफर किया। प्रयास का प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। एक किसान की मौत हुई है जबकि शेष लोगों को चोट आई है। जहां तक तिरला थाने पर किसानों द्वारा सूचना दिए जाने का मामला है तो मैंने इस बारे में थाना प्रभारी तिरला से बात की थी। उनको सूचना नहीं दी गई। अन्य किसी स्तर पर सूचना दी गई। थाना प्रभारी तिरला को सूचना दी गई होती तो वह इस मामले में निश्चित रूप से कार्रवाई करते। -आदित्य प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक, धार

धार के मनावर में भीड़ द्वारा जिन लोगों को पीटा गया, उन्‍हें खाती समाज के किसानों ने उधारी चुकाने के लिए अपने गांव बुलाया था। वहां उन्हें उधारी की राशि देने के बजाय उनके बारे में फैला दिया कि वे बच्चा चोर हैं और पथराव कर दिया। स्थानीय पुलिस ने भीड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आरोपितों की पहचान की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. एसडब्ल्यू नकवी, एडीजी इंटेलीजेंस

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