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जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरों से सतत निगरानी रखी जाये



किसी भी जेल का आकस्मिक निरीक्षण किया जायेगा, गृह एवं जेल मंत्री ने संभाग के जेल अधिकारियों की बैठक ली 
उज्जैन | प्रदेश के गृह, जेल, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री बाला बच्चन ने पुलिस कंट्रोल रूम के सभागृह में संभाग के जेल अधिकारियों की बैठक लेकर जेल की व्यवस्था से सम्बन्धित आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, उन जेलों में सीसीटीवी कैमरों से सतत निगरानी रखी जाये। गृह एवं जेल मंत्री ने अधिकारियों को बताया कि वे किसी भी जेल का कभी भी आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ की जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर ने बैठक में उज्जैन संभाग के जेलों की पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी से अवगत कराया।
    गृह एवं जेल मंत्री श्री बाला बच्चन ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे संभाग की समस्त जेलों में क्या-क्या कमियां हैं, उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उन्हें भेजी जाये, ताकि शासन स्तर से कमियों को पूरा कराया जा सके। बैठक में मंत्री श्री बच्चन को अवगत कराया गया कि पुलिस को साप्ताहिक अवकाश एवं वर्ष में एक माह का अतिरिक्त वेतन मिलता है वह जेल विभाग में भी अधिकारी-कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाये। गृह एवं जेल मंत्री श्री बाला बच्चन ने आश्वस्त किया है कि पुलिस की तरह उन्हें भी अवकाश एवं अतिरिक्त एक माह का वेतन दिये जाने का शासन स्तर पर निर्णय लिये जाने हेतु आश्वस्त किया। मंत्री श्री बच्चन ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जेलों की साफ-सफाई एवं बन्दियों को दिये जाने वाले भोजन शासन के द्वारा निर्धारित मेन्युअल के आधार पर उपलब्ध कराया जाये और जेलों की पाकशाला में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाये। अधिकारी शासन की मंशा अनुरूप पूर्ण ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। शासन अधिकारी-कर्मचारियों का मनोबल हमेशा ऊंचा रखेगा।
    बैठक में केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ की जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से गृह एवं जेल मंत्री श्री बाला बच्चन को अवगत कराया कि केन्द्रीय जेल उज्जैन में क्षमता से दोगुना से अधिक बन्दी निरूद्ध हैं। सुरक्षा प्रहरियों की आवश्यकता है। गंभीर बीमार बन्दियों को उच्चस्तरीय उपचार उपलब्ध न होने के कारण इन्दौर स्थित एमव्हाय चिकित्सालय भेजा जाता है। पुलिस बल की अनुपलब्धता के कारण सीमित जेल स्टाफ से उपचार हेतु बन्दियों को भेजा जाता है, जिससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है। अधिकारी-कर्मचारियों को जेल परिसर में रहने हेतु शासकीय आवासों की कमी है और पुराने शासकीय आवासों की मरम्मत एवं नवीन निर्माण की आवश्यकता है। जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये अष्टकोण कार्यालय में वॉच टॉवरों का निर्माण किया जाना आवश्यक है। बन्दियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु जेलों में पूर्णकालिक चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्सा स्टाफ की आवश्यकता है। उज्जैन संभाग की जिन जेलों में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, वहां कैमरे लगाये जाने की स्वीकृति दी जाये। साथ ही उज्जैन संभाग में खुली जेल की भी आवश्यकता है। गृह एवं जेल मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे संभाग की जेलों की समस्याओं आदि की समेकित रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाये, ताकि शासन स्तर से समस्याओं का निराकरण किया जा सके। बैठक में डीआईजी जेल श्री एमआर पटेल सहित संभाग की अन्य जेलों के अधिकारी उपस्थित थे।

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