अब सम्रग योग को अपनाने का समय आ गया है- नारायण स्वामी
उज्जैन। योग केवल कुछ आसन, व्यायाम और प्राणायाम तक सीमित नहीं है, न ही बीमारियों के इलाज तक सीमित है। हमें भगवान द्वारा प्रदत्त किया हर काम उनकी सेवा का अवसर मानकर पूरी लग्न-निष्ठा और कुशलता से करना चाहिए। अब समय आ गया है कि हम भारतियों को सम्रग योग अपनाना चाहिए।
यह आवाहन गायत्री परिवार के योगाचार्य नारायण स्वामी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर नक्षत्र होटल में सामूहिक योगाभ्यास के दौरान उपस्थित योगाभ्यासियों से किया। यहाँ पर अभ्यास क्रम के अंतर्गत प्राणायाम के समय यज्ञोपैथी का प्रदर्शन भी किया गया। इसके तहत छोटे यज्ञ कुण्डों में जड़ी बूटी वाली शाकिल्य से आहुतियां देकर इन्हें योग साधकों के बीच रखकर प्राणायाम कराया गया। यहाँ करीब 130 लोगों ने भागीदारी की जिसमें सभी आयुवर्ग के लोग शामिल थे। आयोजन अखिल विश्व गायत्री, आरोग्य भारती महानगर, जन शिक्षण संस्थान, द इनिसियेटिव सोसायटी उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ था। सांयकाल माधव कालेज के बास्केटबॉल ऐरिना में खिलाड़ी बच्चों को योगाभ्यास कराया गया, जिसमें कुछ अभिभावक भी शामिल हुए।
योग (जुड़ाव) के लिए कुछ अलग
गायत्री माता सारे विश्व की माता हैं। विश्व भर के लोग प्रगतिशील सोच अपनाकर सबसे शक्तिशाली गायत्री महामंत्र के अवलंवन से अपने जीवन स्तर को ऊँचा बना रहे हैं और हम भारतीय अपनी इतनी महान धरोहर को अपनाने और दूसरों को बांटने में पिछड़ रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 25 प्रतिशत से कम लोग ही गायत्री महामंत्र का जप कर रहे हैं। ऐसे में हमारा परम कर्तव्य है कि जो विश्व माता के पयपान से छूटे हुए हैं उन्हें माता के पास बैठने और उनकी अनुदान-वरदान पाने में सहायक बनें यही युग धर्म है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने ही देश में छूटे-बिछड़े सुचिता सहयोगियों को राष्ट्र की प्रगतिशील धारा से जोड़ने के लिए चल रहे अभियान के तहत नगर के झोन 4 और 5 के सुचिता सेवकों का सम्मान शहीद पार्क में किया गया। गायत्री महामंत्र लेखन गायत्री माता की उपासना का सरल तरीका है। अतः हर वर्ग को इससे जोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
सुचिता सहयोगियों को मंत्र लेखन पुस्तिका वितरण
इसी क्रम में 21 जून को नगर पालिक निगम उज्जैन के सहयोग से नगर के सुचिता सहयोगियों (स्वच्छता कर्मचारियों) को गायत्री महामंत्र लेखन की महत्ता बताकर मंत्र लेखन पुस्तिकाओं का वितरण किया गया। सभी का स्वच्छता जैसे महत्तर कार्य करने के लिए स्वस्तिवाचन के साथ अभिनंदन किया गया। इस कार्य के लिए गायत्री शक्तिपीठ मनावर से विनीता खण्डेलवाल उज्जैन आईं थीं। अभी तक आपके सहयोग से तीन लाख पचहत्तर हजार मंत्र लेखन पुस्तिकाओं का वितरण किया जा चुका है। इनमें से एक लाख से अधिक पुस्तकाएं लिखकर वापिस भी आ चुकीं हैं। विनीता खंडेलबाल ने उपस्थित बहिनों को वलिवेश्य को करने की विधि भी बताई। इस अवसर पर नगर निगम के अधिकारी पुरुषोत्तम दुबे, राजेश बंटी स्वच्छता दरोगा भी उपस्थित थे जिन्होंने स्वयं मंत्र लेखन करने और साथियों से कराने का संकल्प लिया।