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दस्तक अभियान में उन्हेल और महिदपुर की खराब स्थिति पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई



24 जून तक स्थिति नहीं सुधारी तो संविदाकर्मी नौकरी से निकलने के लिये तैयार रहें -कलेक्टर, कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की 
उज्जैन | कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने गुरूवार को बृहस्पति भवन में स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग के अन्तर्गत शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी स्थिति की समीक्षा की। बैठक में जिले में दस्तक अभियान की समीक्षा के दौरान महिदपुर और उन्हेल में निर्धारित लक्ष्य के पूर्ण नहीं होने पर कलेक्टर श्री मिश्र ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हेल और महिदपुर के बीपीएम और बीसीएम को जमकर लताड़ा, साथ ही यह चेतावनी भी दी कि 24 जून तक दस्तक अभियान के क्रियान्वयन में अपने क्षेत्र में सुधार लायें, अन्यथा नौकरी से निकलने के लिये तैयार रहें। कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारियों को आज ही शोकाज नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिये।

    कलेक्टर ने बैठक में कहा कि कहा कि कुछ विकास खण्डों में दस्तक अभियान के तहत काम सही ढंग से नहीं किया जा रहा है, जिस कारण जिला पिछड़ रहा है। दस्तक अभियान में कुछ क्षेत्रों में अपेक्षाकृत प्रगति नहीं होने पर कलेक्टर ने नाराज होकर कहा कि बीएमओ गांवों में जाकर करते क्या हैं, क्या वे केवल घूमने-फिरने के लिये वहां जा रहे हैं। इसी प्रकार दस्तक अभियान के दौरान बच्चों की जांच और ओआरएस वितरण में भी महिदपुर और उन्हेल में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप काम नहीं होना पाया गया। कलेक्टर ने बीएमओ महिदपुर को फटकार लगाते हुए पूछा कि जब बच्चों की जांच कर ली थी तो उन्हें समय पर ओआरएस वितरित क्यों नहीं किये गये। गौरतलब है कि दस्तक अभियान के तहत उज्जैन जिले में 41 प्रतिशत बच्चों की जांच की गई है, जिनमें से 36 प्रतिशत को ही ओआरएस वितरित किया गया है। बच्चों की जांच और ओआरएस वितरण के आंकड़ों में इतना अधिक अन्तर क्यों है, इस पर कलेक्टर ने अधिकारियों को 24 जून तक रिपोर्ट अनिवार्यत: प्रेषित करने के निर्देश दिये।
    कलेक्टर ने कहा कि 24 जून को दस्तक अभियान को लेकर एक विशेष बैठक दोबारा आयोजित की जायेगी। हर हालत में इस अभियान के अन्तर्गत प्रगति चाहिये।

    बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि अतिकुपोषित के केस वाले बच्चों को उपचार के लिये जिला मुख्यालय रैफर किया जाये। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के तहत निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिये कि जो भी कार्य लम्बित हैं, उन्हें तत्काल पूरा किया जाये।

    राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के क्रियान्वयन और प्रगति की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि मानसिक स्वास्थ्य ओपीडी का संचालन जिला चिकित्सालय के कक्ष क्रमांक-15 और 16 में किया जा रहा है। पिछले दो माह अप्रैल और मई के दौरान मानसिक चिकित्सा ओपीडी में लगभग 829 रोगी उपचार हेतु आये। कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के अन्तर्गत दवाईयां और बेड की कमी को अतिशीघ्र दूर किया जाये।

    राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा के लिये सभी आवश्यक सुविधाएं चिकित्सालय में मौजूद हैं। गर्भधात्री महिलाओं के एएनसी चेकअप की समीक्षा के दौरान महिदपुर और उन्हेल में कम प्रतिशत पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की। महिदपुर बीएमओ के खराब प्रदर्शन पर कलेक्टर ने इनके विरूद्ध प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। जिले में हाईरिस्क महिलाओं के चिन्हांकन के कम प्रतिशत पर कलेक्टर श्री मिश्र ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

   जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत भुगतान के सबसे अधिक लम्बित प्रकरण खाचरौद में पाये गये। कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि पिछले छह माह से जननी सुरक्षा योजना के भुगतान की समस्या ज्यों की त्यों है। या तो सम्बन्धित अधिकारियों को यह दिखाई नहीं दे रहा है या वे काम करना नहीं चाहते। जननी सुरक्षा योजना के जितने भी भुगतान के प्रकरण लम्बित हैं, उनका शीघ्र-अतिशीघ्र भुगतान किया जाये। बड़नगर, घट्टिया और खाचरौद के अधिकारी को सेवा समाप्ति के नोटिस भेजने के निर्देश दिये।

   मातृ मृत्यु दर की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि ऐसे प्रकरणों में जहां भी लापरवाही की वजह से मृत्यु हो, तो सम्बन्धित के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिये कि चिकित्सकों की एक टीम तैयार करें, जो घर-घर जाकर हाईरिस्क महिलाओं का नियमित चेकअप करे और तत्काल रिपोर्ट से अवगत कराये।

   महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत योजनाओं की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि गोद भराई के कार्यक्रम आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थान पर गर्भधात्री महिला के घर पर ही आयोजित किये जायें और इसमें पूरे गांव को निमंत्रण दिया जाये। बैठक के दौरान ग्राम सभा स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति के अन्तर्गत खोले गये खातों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि जहां खाते निर्धारित लक्ष्य के अनुसार नहीं खोले गये हैं, उनकी पूर्ति शीघ्र-अतिशीघ्र की जाये। इसके अलावा पोषण स्तर, प्रधानमंत्री मातृत्व विकास योजना, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती, लाड़ली लक्ष्मी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की भी समीक्षा की गई। बैठक में सीएमएचओ डॉ.रजनी डाबर, डॉ.अनीता भीलवाल, सिविल सर्जन डॉ.परमार, डीपीओ महिला बाल विकास श्री गौतम अधिकारी, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी, सहायक संचालक श्री आरके गुप्ता, समस्त बीएमओ, बीपीएम, बीसीएम, सीडीपीओ और अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

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