किसी को पता नही जो श्वास अंदर जा रही है वो लौट कर वापस आएगी की नही
उज्जैन। श्वास श्वास पर कृष्ण भजि बृथा स्वास जनि खोय। न जाने या श्वास की आवन होय न होय। अर्थात राजन् किसी को पता नही की जो स्वास अंदर जा रही है वो लौट कर वापस आएगी की नही। इस लिए सदैव ’हरी का नाम जपते रहो। हरि नाम का कलयुग में बहुत महत्व है। इसीलिये रामचरितमानस में बाबा तुलसी बार बार नाम संकीर्तन का उपदेश देते हैं।
उक्त बात परमार धर्मशाला में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में परम पूज्य संत धर्मेंद्र महाराज रसूडिल्या द्वारा कही गई। इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण रूक्मणि का विवाह उत्सव बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया। जिसमें आसपास से हजारों भक्तों ने कथा रसपान किया कल कथा का विश्राम दिवस रहेगा।