सीएम हेल्पलाइन में समय-सीमा से परे यदि कोई न्यायालयीन प्रकरण हो, तो उसे फोर्स क्लोज नहीं किया जायेगा
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिये निर्देश
उज्जैन | कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने शनिवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में सीएम हेल्पलाइन की राजस्व से सम्बन्धित लम्बित शिकायतों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिये कि राजस्व अधिकारी शिकायतों को अनावश्यक लम्बित न रखें। जिन शिकायतों का आसानी से निराकरण हो सकता है, उनका तत्काल निराकरण कर दें, लेकिन समय-सीमा से परे ऐसी शिकायतें जो न्यायालयीन प्रकरण भी है, उन्हें फोर्स क्लोज नहीं किया जाये।
कलेक्टर ने आरसीएमएस के अन्तर्गत कोर्टवार दर्ज और निराकृत प्रकरणों की समीक्षा की। खाचरौद और उज्जैन के नायब तहसीलदार के अन्तर्गत निराकृत प्रकरणों के कम प्रतिशत पर कलेक्टर श्री मिश्र ने नाराजगी व्यक्त की और लम्बित प्रकरणों को तुरन्त निपटाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जिन राजस्व अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र के तहत निराकृत प्रकरणों का प्रतिशत 50 प्रतिशत से कम है, उन्हें यह अन्तिम चेतावनी है। अगली बार कोई बहाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अगली बैठक तक इन्हें दुरूस्त किया जाये।
कलेक्टर ने तहसीलदार न्यायालयों में एक से तीन माह, तीन माह से अधिक और छह माह से अधिक लम्बित प्रकरणों की समीक्षा की और उन्हें तत्काल निराकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि उनके पास 15 दिन का समय है। इसके बाद वे तहसीलदार न्यायालयों का निरीक्षण करेंगे। वहां जितनी खामियां मिलेंगी, उतनी ही सम्बन्धित अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकी जायेगी।
जिले में मई माह में अकिंचन रिपोर्ट की स्थिति की समीक्षा के दौरान पांच में से तीन प्रकरण निराकृत पाये गये। इस पर कलेक्टर ने शेष प्रकरणों का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये। अपर कलेक्टर न्यायालय व भूमि आवंटन प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि भूमि आवंटन प्रकरणों में राजस्व अधिकारी अधूरे प्रकरण कलेक्टर कार्यालय में प्रेषित न करें। प्रकरणों में लगने वाले समस्त आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति कर संलग्न करने के बाद ही कार्यालय भेजें। इसके लिये एक चेकलिस्ट निर्धारित की गई है। चेकलिस्ट से दस्तावेजों का मिलान करने के बाद ही प्रकरण प्रस्तुत करें। भूमि आवंटन के प्रकरणों में किसी भी तरह की लापरवाही न करें।
कलेक्टर ने विभिन्न विभागों को शासकीय भूमि आवंटन करने से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों की समीक्षा कर इन्हें तत्काल निराकृत करने के लिये कहा। कलेक्टर ने कहा कि आदिम जाति कल्याण और चिकित्सा से सम्बन्धित प्रकरण बिना किसी ठोस वजह के खारिज न किये जायें।
भू-राजस्व की वसूली और पंचायत उपकर से सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इनमें स्थिति बेहद चिन्ताजनक है। पटवारियों ने पिछले तीन महीनों से इनमें कोई प्रगति नहीं की है। समस्त एसडीएम इस ओर ध्यान दें। साथ ही इन प्रकरणों में नई मांग शीघ्र-अतिशीघ्र कायम करें। परिवर्तित भूमि पर भू-भाटक के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि इनके अन्तर्गत वसूली पर अधिक से अधिक ध्यान दें। बैंक आरआरसी के निष्पादन के प्रकरणों में आशानुरूप परिणाम न होने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की।
इसके अलावा बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री कार्यालय से प्राप्त शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की और लम्बित शिकायतों को तुरन्त निपटाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने स्थापना शाखा, कलेक्टर और अनुशासनात्मक कार्यवाहियों के विवरण की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि अधिकारी विभागीय जांच में अधिक समय न लगायें तथा अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में भी अनावश्यक विलम्ब न किया जाये। इसके अलावा तहसीलवार कोटवारों के जो भी पद रिक्त हों, उनकी पूर्ति शीघ्र-अतिशीघ्र करें। आगामी 14 जून तक सभी राजस्व अधिकारी एकसाथ तहसीलवार विज्ञप्ति जारी करें।
इसके अलावा कलेक्टर ने तहसीलवार बकाया राशि, राजस्व के समय-सीमा के प्रकरणों और माइनिंग के प्रकरणों की भी समीक्षा की। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता, एडीएम डॉ.आरपी तिवारी, समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।