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पर्यावरण बचाओं, वरना पीठ पर ऑक्सीजन का सिलेंडर ओर मुँह में मास्क लगाना पड़ेगा- जेपी चतुर्वेदी



महर्षि वेद विद्या प्रतिष्ठान में लगाएंगे 5 हजार पेड़ पौधे
उज्जैन। यदि अभी नही संभले तो वह दिन दूर नही जब मानव अपनी पीठ पर आक्सीजन का सिलेंडर लेकर चलेगा ओर मुंह मे मास्क लगाकर सांस लेगा। 
उक्त बात विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महर्षि वेद विद्या प्रतिष्ठान के दयानंद सभागृह में बुधवार को आयोजित सार्थक परिचर्चा में पर्यावरणविद जेपी चतुर्वेदी ने कही। संयोजक कुंज बिहारी पांडे के अनुसार परिचर्चा में प्रमुख वक्ता एवं मुख्य अतिथि संस्था अरविंद के प्रमुख विभाष उपाध्याय एवं महर्षि वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव डॉ विरुपाक्ष जद्दीपाल थे। विशेष अथिति टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संचालक संजय मिश्रा, डॉ अमरधारी सिंह, पूर्व मंदिर प्रशासक आनंदीलाल जोशी, पर्यावरणविद जेपी चतुर्वेदी, अशोक दुबे, केपी त्रिपाठी समेत डॉ. अनूप मिश्र मौजूद थे। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभाष उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाहरी वायुमंडल से अधिक पर्यावरण का रिश्ता मानव मन से है, मन यदि प्रदूषित होगा तो इसका पर्यावरण पर भी भारी असर पड़ेगा, इसलिए मन को शुद्ध रखना भी बेहद जरूरी है। जब प्रकृति पर सुनामी का प्रकोप आया तो नौसेना वहां बचाव कार्य के लिए पहुंची तब उन्हें जानकारी मिली की ऊंचे ऊंचे पेड़ों पर चढ़कर वहां के प्रभावितो ने अपनी जान बचाई ऐसे में समझा जा सकता है कि पेड़ हमारे जीवन में कितने उपयोगी है। पेड़ों की कटाई और जल का अपव्यय एक दिन हमें भारी पड़ सकता है। मौजूदा शिक्षा व्यवस्था हमें डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, फिलोसोफर तो बना रही है, मगर मनुष्य नहीं बना रही। जब तक धर्मनिरपेक्ष जैसा शब्द भारत में रहेगा तब तक हम अच्छा राष्ट्र निर्माण नहीं कर सकते। महर्षि वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव श्री जद्दीपाल ने अपने उद्बोधन में विश्व पर्यावरण दिवस पर कहा कि हम प्रतिष्ठान में 5 हजार पेड़ पौधे लगाएंगे। साथ ही हमें रुद्राक्ष के पेड़ भी प्राप्त हुए हैं। पर्यावरण के विषय में शास्त्रों में भी उल्लेख किया गया है, साहित्य में भी है, संस्कृत में भी है, मगर मौजूदा शिक्षा में इसका महत्व कमतर आंका गया है। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई और समापन शांति पाठ से हुआ।कार्यक्रम का आभार डॉ अनूप मिश्रा ने प्रकट किया।

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