20 से अधिक लावारिस लाशों का किया अंतिम संस्कार
पुत्र की असमय मृत्यु से हिम्मत टूटी लेकिन फिर संभले डागर ने जारी रखी अपनी अनूठी सेवा
उज्जैन। लावारिस लाशों को उठाकर अनूठी सेवा करने वाले समाजसेवी अनिल डागर ने वर्ष 2019 में अब तक 20 से अधिक लावारिस लाशों को उठाकर उनका अंतिम संस्कार किया वहीं कुछ के परिजनों की जानकारी लग जाने पर उन्हें उनके सुपुर्द भी किया। इन लावारिस लाशों में बीमारी, दुर्घटना, आत्महत्या कर मौत के मुंह में समा जाने वाले शामिल हैं।
मुक्ति सेवा संस्था के अध्यक्ष अनिल डागर के अनुसार उन्होंने कायथा थाना, नानाखेड़ा, जीआरपी, महाकाल, देवासगेट, चिमनगंज मंडी, नीलगंगा थाना क्षेत्र से लावारिस लाशे उठाकर उनका अंतिम संस्कार किया इनमें बीमारी से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई, जिन्हें अस्पताल, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों से उठाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं 23 मई को एक नवजात का अंतिम संस्कार किया जिसे उसके परिजन ट्रेन में छोड़ गए थे, जीआरपी पुलिस की सूचना पर अनिल डागर ने नवजात शिशु को उठाकर उसका अंतिम संस्कार किया। वहीं चिमनगंज मंडी थाना अंतर्गत ट्रेन से कटकर मौत के मामले में तथा एक व्यक्ति के कूदकर मौत हो जाने पर दोनों लावारिस लाशों को उठाकर अंतिम संस्कार करवाया। वहीं हाल ही में नागझिरी थाना अंतर्गत नाकोड़ा धाम कॉलोनी के पीछे 4 दिन पुरानी गर्मी से झुलस चुकी लावारिस लाश को उठवाया। अनिल डागर ने बताया कि उनके पुत्र निखिल डागर लावारिस लाशों को उठाने तथा अंतिम संस्कार में सहयोग करते थे लेकिन एक दुर्घटना में निखिल की मौत हो जाने के कारण वे टूट गए लेकिन साथ ही एक झूठे प्रकरण में उनका नाम जोड़ दिये जाने से उनका मनोबल कुछ समय के लिए डिगा लेकिन जब न्यायालय से अनिल डागर को राहत मिली तो उन्होंने एक बार फिर मानव सेवा के इस काम में अपनी भूमिका निभानी शुरू की और अब एक बार फिर वे लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार को सारी परेशानियां उठाने के बावजूद करने लगे।