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शिप्रा नदी के जल और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिप्रा तीर्थ परिक्रमा होगी


अपर कलेक्टर श्री गुप्ता ने अधिकारियों को सौंपे दायित्व 
उज्जैन | शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का आयोजन प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी 11 एवं 12 जून को होगा। शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के आयोजन के सम्बन्ध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने की दृष्टि से अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर निर्देश दिये। बैठक में उज्जैन दक्षिण विधायक एवं शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के संयोजक डॉ.मोहन यादव एवं शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के सदस्यगण उपस्थित थे।

    बैठक में अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने शिप्रा तीर्थ परिक्रमा मार्ग की सफाई व्यवस्था, चूने की लाईन, ब्लिचिंग पावडर, रामघाट, दत्त अखाड़ा, गुरूनानकदेव घाट, राणौजी की छत्री सहित सम्पूर्ण परिक्रमा मार्ग के घाटों की साफ-सफाई, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, दत्त अखाड़ा एवं रामघाट क्षेत्र में टीफा मशीन चलाना, टेन्ट, मंच आदि की व्यवस्था करने के निर्देश नगर निगम अपर आयुक्त श्री धीरेन्द्रसिंह परिहार को दिये। इसी प्रकार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को पेयजल की आपूर्ति हेतु टेंकरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। विकास प्राधिकरण के अधिकारी को शिप्रा तीर्थ परिक्रमा मार्ग का मैंटेनेंस कर चुनरी बांधने की व्यवस्था और प्रशान्तिधाम के आगे के मार्ग पर मुरम का भराव कर रास्ता बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.रजनी डाबर को निर्देश दिये कि परिक्रमा के साथ एम्बुलेंस, चिकित्सक एवं आवश्यक दवाईयां, पड़ाव स्थलों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाये। इसी तरह जिला एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों को परिक्रमा मार्ग में शामियाना, पेयजल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, दत्त अखाड़ा पर 11 जून को करवाये जाने के निर्देश दिये। विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि दत्त अखाड़ा, गुरूनानक एवं रामघाट पर पर्याप्त मात्रा में प्रकाश व्यवस्था की जाये। इसी तरह पुलिस विभाग से अपेक्षा की गई है कि रामघाट, दत्त अखाड़ा एवं परिक्रमा मार्ग पर पुलिस व्यवस्था तथा यातायात व्यवस्था सुनिश्चित हो। अपर कलेक्टर ने अन्य विभागों को शिप्रा तीर्थ परिक्रमा पर सौंपी गई आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। अपर कलेक्टर ने राष्ट्रीय सेवा योजना एवं भारत स्काऊट गाइड की भी मदद लेने हेतु सम्बन्धित को कहा है।

    गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर शिप्रा नदी के जल एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु जन-जागृति के उद्देश्य से शिप्रा लोक संस्कृति समिति द्वारा विगत 13 वर्षों से प्रतिवर्ष शिप्रा तट स्थित तीर्थों की परिक्रमा कर मां शिप्रा का श्रृंगार पूजन कर 351 फीट लम्बी चुनरी ओढ़ाकर अभिषेक का आयोजन किया जाता है। परिक्रमा में शासन-प्रशासन के अधिकारी, विशेषज्ञ, विद्वतजन, वैज्ञानिक एवं आमजन जुड़कर शिप्रा नदी के तटीय क्षेत्रों की मूलभूत समस्याओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं। इस वर्ष 4 दिन का कार्यक्रम तय किया गया है। शिप्रा के किनारे स्थित तीर्थों के संरक्षण एवं पर्यावरण शुद्धि की जिम्मेदारी प्रत्येक जागरूक नागरिक एवं प्रशासन की है। शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में प्रत्येक व्यक्ति शामिल होकर शिप्रा की मूलभूत समस्याओं का नजदीक से अध्ययन कर शिप्रा संरक्षण के कार्य में शामिल होता है। शिप्रा परिक्रमा के दौरान पर्यावरणविद, जीव एवं वनस्पति वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई परीक्षण रिपोर्ट प्रतिवर्ष शासन को प्रेषित की जाती है। परिक्रमा आयोजन के बाद से ही शिप्रा किनारे अनेक विकास कार्य हुए हैं और प्रमुखता से करवाये गये हैं। परिक्रमा आयोजन के बाद ही शिप्रा तट पर घाटों का निर्माण, शिप्रा तट स्थित मन्दिरों का पुनर्निर्माण, शिप्रा शुद्धिकरण हेतु प्रयास, खान डायवर्शन योजना, सरिसर्प संरक्षण केन्द्र, नौका विहार आदि प्रारम्भ हुए हैं।

शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का 11 जून से प्रारम्भ एवं 12 जून को समापन होगा
   शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के पहले 9 जून को वाकणकर शोध संस्थान में शाम 4 बजे से 6 बजे तक जल संरक्षण एवं जल संरचना पर संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। इसी तरह 10 जून को पौधारोपण, जल संरचना, घाट संरचना, स्वच्छता पर कार्य योजना शाम 4 बजे से 6 बजे तक तैयार की जायेगी। शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा 11 जून को प्रात: 8 बजे रामघाट से आरम्भ होगी, जो रामघाट से नृसिंह घाट आनन्देश्वर मन्दिर, जगदीश मन्दिर, गऊघाट, जन्तर-मन्तर, वरूणेश्वर महादेव से इन्दौर रोड सीएचएल अस्पताल, प्रशान्ति सांई मन्दिर, गुरूकुल, त्रिवेणी, दोपहर 12 बजे गुरूकुल विद्यालय में भोजन एवं विश्राम रहेगा। इसी दिन यात्रा दोपहर 3 बजे गुरूकुल त्रिवेणी से प्रस्थान कर नवग्रह शन्ति मन्दिर, गोठड़ा, सिकन्दरी, दाऊदखेड़ी, चांदमुख चिन्तामन, मंगरोला फंटा, लाल पुल होते हुए भूखी माता मन्दिर, गुरूद्वारा नानकदेव, रात्रि भोजन, नानक घाट से दत्त अखाड़ा, रात्रि विश्राम पड़ाव दत्त्‍ अखाड़ा, रात्रि में भजन सन्ध्या का आयोजन होगा। इसी प्रकार दूसरे दिन 12 जून को प्रात: 7.30 पर यात्रा प्रारम्भ होकर दत्त अखाड़ा से रणजीत हनुमान, काल भैरव, भैरवगढ़, सिद्धनाथ, अंगारेश्वर, कमेड़, मंगलनाथ, सान्दीपनि आश्रम, राम मन्दिर, गढ़कालिका, भोजन एवं विश्राम के बाद यात्रा दोपहर 3 बजे से भर्तृहरि गुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मिकीधाम, दुर्गादास राठौर की छत्री के बाद चक्रतीर्थ, दानीगेट, ढाबा रोड, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा के बाद महाकाल मन्दिर, बड़ा गणेश मन्दिर, हरसिद्धि मन्दिर होते हुए रामघाट, शाम 6.30 बजे शिप्रा-गंगा पूजन, चुनरी अर्पण के पश्चात भजन सन्ध्या का कार्यक्रम होने के बाद समापन होगा।

   बैठक में महन्त डॉ.रामेश्वरदास, पं.श्यामनारायण व्यास, श्री नरेश शर्मा, श्री संजय अग्रवाल, श्री तरूण उपाध्याय, श्री अभय विश्वकर्मा, श्री करणसिंह पटेल, श्री प्रदीप मालवीय, डॉ.प्रशान्त पौराणिक एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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