दया, दुआ और बरक्कत के साथ विहंगम भंडारे का समापन
तीनों माता दुखी हैं, कुदरत है नाराज खड़ी आगे तबाही बड़ी-बड़ी
उज्जैन। आज धरती पर तीनों माताएं दुखी हैं। जिस माँ ने जन्म दिया आज बच्चे उनका सम्मान नही करते वृद्धा आश्रम में छोड़ देते है इसलिए जन्म देने वाली माँ दुखी। दूसरी ये धरती माँ जिस पर पाप बढ़ रहा है। हत्या लूट बेजुबान जानवरों को मार काटा जा रहा है तो धरती माँ दुखी और तीसरी गऊ माँ जिसका दूध पीते है उसी का मांस खाना कही भी उचित नही है। इसलिए ये कुदरत नाराज हो गई है और सजा देने वाली है अभी अपने भूकंप, तबाही क्या देखी ये तो आगे आने वाली है तो इससे लोगो को बचाना है तो प्रेमियों आप लोग अपने-अपने गाँव शहर जाकर शाकाहारी और नशा मुक्ति का प्रचार कर दो जिससे लोग सुधर जाए और आनेवाली तबाही से बच जाए।
ये सन्देश सन्त उमाकान्त जी महाराज ने तीन दिवसीय भंडारे के अंतिम सत्संग में दिया। महाराज जी ने ये भी बताया कि जैसे त्रेता युग मे राम नाम मे शक्ति थी राम नाम से लिखे पत्थर तैरने लगे। जैसे द्वापर युग में कृष्ण नाम मे शक्ति थी जिसने द्रोपदी की रक्षा की। वैसे ही इस कलयुग में जयगुरुदेव नाम जगाया हुआ है और आप इस नाम की परीक्षा लेलो। कोई भी शाकाहारी, नशा मुक्त व्यक्ति मुसीबत के समय जयगुरुदेव नाम बोलेगा तो उसकी रक्षा होगी प्रेमियों ये बात आप सबको बता देना।
सरोवर बुझायेगा उज्जैन की प्यास
महाराज जी द्वारा आने वाले लाखों भक्तो की व्यवस्था के लिए जो जल सरोवर बनाया गया था उसके द्वारा तीन दिनों तक भक्तो को पानी पहुचाया गया। जिसके बाद महाराज जी ने कहा जो जल अभी बचा है उससे शहर में जहां जल की समस्या है वहा पहुँचा दिया जाएगा। इस सरोवर का निर्माण प्रेमियों ने अथक परिश्रम और श्रम दान से किया है और जब इस सरोवर में गुरु की दया से जल है तो उज्जैन की जनता के काम आ जायेगा।
समापन की घोषणा
तीन दिनों तक सतसंग, दर्शन, दहेज रहित विवाह, मुंडन और नाम करण जैसे संस्कारो का निर्वहन करते हुए लाखों लाख भक्तो पर दया, कृपा बरसाने के बाद महाराज जी ने 1 जून शाम को सतसंग के बाद कार्यक्रम के विधिवत समापन की घोषणा करते हुए भक्तो से कहा वे सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों का सम्मान करें साथ ही साथ अधिकारी भी इस जनता को अपना बच्चा मानकर इनकी सेवा करे। महाराज जी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रशासन को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
राजनेताओं का होता रहा आगमन
इस भण्डारे में दया और आशीर्वाद लेने राजनेताओं का आगमन होता रहा जगदंबिका पाल, सांसद शंकर लालवानी, पूर्व मंत्री दीपक जोशी समेत अनेक नेता एवं अधिकारी आश्रम पहुँचे। और बाबा जयगुरुदेवजी और महाराज जी का आशीर्वाद और दया, दुआ, बरक्कत लेते हुए लाखों भक्त इस तरह से वापस निकल गए जैसे चिड़िया दाना चुग कर उड़ जाती है।