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संकल्पित याजकों के सामूहिक यज्ञ की ऊर्जा राष्ट्र को समर्थ और शक्तिशाली बनायेगी



उज्जैन। भारतीय संस्कृति के अनुसार राष्ट्र उपास्य है, इष्ट है। कई राज्यों विभिन्न उपासना पद्धतियों, विभिन्न भाषाओं एवं विभिन्न वेष-भूषाओं के होते हुए भी भारत को राष्ट्र कहा गया है। इस प्रकार राष्ट्र एक सांस्कृतिक शब्द है। हमारी भारत भूमि निर्जीव भूखंड नहीं है, एक चेतन सत्ता है, स्वर्गादपि गरीयसी है। इसी राष्ट्र को समर्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा राष्ट्रव्यापी वृहद गृहे गृहे गायत्री यज्ञ अभियान के तहत 2 जून को देश भर में दो लाख चालीस हजार घरों में एक ही दिन में गायत्री यज्ञ आयोजन किया गया। उज्जैन जिले में इस अनुष्ठान के लिए श्रद्धालुओं में अपार उमंग देखी गई। जिले में निर्धारित लक्ष्य 1500 घरों में आचार्यों के द्वारा संभव नहीं लगा तब कुछ श्रद्धालुओं को संक्षिप्त प्रशिक्षण देकर साथ मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया जिन्होंने अपने घरों में स्यम अपने घर में गायत्री यज्ञ किया। जिले भर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के लिए निर्धारित 1500 के घरों को हासिल करते हुए कुल 2959 घरों (2259 ग्रामीण तथा 700नगर) में गायत्री यज्ञ संपन्न हुआ। खाचरोद 204, नागदा 327, तराना तहसील में करीब 1380 घरों में यज्ञ हुआ। दूरस्थ क्षेत्रों की रिपोर्ट आने पर संख्या बढ़ सकती है।
गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर उपक्षोन समन्वयक राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उपक्षोन के जिले उज्जैन में 2959, नीमच 1125, मंदसौर 1000, रतलाम 1200, आगर 900, शाजापुर 2120, इस तरह कुल 9314 घरों में यज्ञ संपन्न हुए जबकि लक्ष्य 6000 घरों का था। नागदा के वरिष्ठ परिजन अक्षयवर दीक्षित का 1 जून को आकस्मिक निधन हो गया था 2 जून को आपकी अंत्येष्टि हुई अतः उनकी आत्मा की शांति सदगति के लिए प्रशिक्षित आचार्यों द्वारा यज्ञ यम देवता को विशेष आहुतियां भी प्रदान की गईं। गुप्ता ने इस सामूहिक यज्ञ अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए सहयोगियों को ह्दय से धन्यवाद दिया है, आपने समाचार पत्रों के संपादकों द्वारा अपनी लेखनी से सहयोग के लिए भी धन्यवाद और आभार माना।

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