हम तन-मन-धन से शहीदों के साथ हैं, पुलवामा आतंकवादी हमले की की गई कड़ी भर्त्सना
शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई
प्रयागराज प्रेसटूर निरस्त कर राशि सैनिक कल्याण कोष में देने का निर्णय लिया
उज्जैन । पुलवामा में हमारी सेना के ऊपर आतंकवादी हमला अत्यन्त कायराना है, हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं। हम तन-मन-धन से शहीदों और उनके परिवारों के साथ हैं तथा देश के लिये हम जो कुछ भी कर सकेंगे, करेंगे। आतंकवादियों के विरूद्ध कार्रवाई में हम हर तरह से सरकार के साथ हैं।
पुलवामा की घटना से व्यथित एवं आन्दोलित उज्जैन के पत्रकार साथियों ने आज शुक्रवार को उज्जैन प्रेस क्लब में श्रद्धांजली सभा आयोजित कर घटना में शहीद हुए सेना के जवानों को हार्दिक श्रद्धांजली देते हुए यह शपथ ली। सभी ने अमर शहीदों की याद में दो मिनिट का मौन भी रखा। साथ ही जिला प्रशासन को 11 हजार रुपये का चैक प्रेस क्लब उज्जैन की ओर से तथा 5100 रुपये की नगद राशि (श्री भगवानसिंह आंजना की ओर से) प्रदान की गई। प्रशासन की ओर से सैनिक कल्याण की राशि अपर कलेक्टर श्रीमती वर्षा भूरिया द्वारा प्राप्त की गई।
इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री विशालसिंह हाड़ा ने कहा कि उज्जैन का समूचा प्रेस जगत इस घटना से अत्यन्त दु:खी है तथा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उन्होंने बताया कि उज्जैन प्रेस की मांग पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा इलाहाबाद कुंभ प्रेसटूर स्वीकृत किया गया था तथा इसके लिए आज शुक्रवार को सायं बस इलाहाबाद रवाना होने वाली थी। जब पुलवामा की घटना संज्ञान में आई तो सभी पत्रकारों ने मिलकर प्रेसटूर निरस्त कर दिया तथा निर्णय लिया कि वे शासन से अनुरोध करेंगे कि यह राशि सैनिक कल्याण कोष में भिजवा दी जाए। साथ ही प्रेस जगत की ओर से भी यथासंभव राशि सैनिक कल्याण के लिए दी जाएगी।
इस अवसर पर पत्रकार श्री अर्जुनसिंह चन्देल ने कहा कि आतंकवादी हमले की जितनी निन्दा की जाये, उतनी कम है। हम सैनिकों के परिवारों के दु:ख को कम तो नहीं कर सकते, परन्तु इतना जरूर आश्वस्त कर सकते हैं कि हम यथाशक्ति उनकी मदद के लिए तैयार हैं। उज्जैन का समूचा प्रेस जगत शहीदों के साथ है। आतंकवादियों को करारा जवाब दिया जाना चाहिए। पत्रकार श्री सतीश गौड़ ने भी सभा को सम्बोधित किया।
सूबेदार मनजीतसिंह 10एमपी बटालियन उज्जैन ने बताया कि किस तरह से सैनिक अत्यन्त विषम परिस्थितियों में सीमा पर ड्यूटी करते हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के भी कुछ प्रसंग सुनाए। पुलवामा की घटना के सन्दर्भ में उन्होंने बताया कि सेना के जवान छुट्टी के बाद अपने कर्तव्य पर लौट रहे थे। ऐसे समय में उन निहत्थों पर इस प्रकार का हमला किया जाना अत्यन्त कायराना है तथा इसकी जितनी भी निन्दा की जाए, उतनी कम है। सभा में 10एमपी बटालियन उज्जैन के हवलदार बलजिंदरसिंह भी मौजूद थे।
प्रभारी संयुक्त संचालक पंकज मित्तल ने बताया कि सीमा पर अत्यन्त विषम परिस्थितियों में हमारी सेना के जवान कार्य करते हैं, उन्हीं की वजह से हम अपने घरों में आराम से सोते हैं। हमारे सैनिकों पर जो हमला हुआ है, वह वस्तुत: हमारे ऊपर ही हुआ है। हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश और सैनिकों के लिए सबकुछ करें। इस अवसर पर पत्रकार श्री राजेन्द्र पुरोहित ने घटना की निन्दा करते हुए अपनी श्रद्धांजलि प्रकट की। पत्रकार श्री राजेश जोशी ने बताया कि किस तरह उनके छोटे भाई जो कि सेना में थे, शहीद हुए तथा किस तरह उनके परिवार ने इस विकट परिस्थिति को झेला है। पत्रकार श्री पुष्करन दुबे, श्री रामचन्द्र गिरी ने भी अपने विचार प्रकट किए।