top header advertisement
Home - उज्जैन << महिलाओं को बताया कैसे होता है मशरूम का उत्पादन

महिलाओं को बताया कैसे होता है मशरूम का उत्पादन



8 दिनों तक दिया मशरूम क्लटीवेशन का प्रशिक्षण-समापन पर महिलाओं को कराया मशरूम उत्पादन इकाई का भ्रमण
उज्जैन। भारतीय राष्ट्रीय राहकारी संघ की सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना द्वारा रत्नाखेड़ी में अजा वर्ग के महिला स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को स्वालंबन (स्वरोजगार) एवं नेतृत्व विकास के लिए 8 दिवसीय मशरूम क्लटीवेशन (कृषी) का प्रशिक्षण दिया गया। समापन अवसर पर महिलाओं को ग्राम चंदेसरी के मशरूम उत्पादन इकाई का भ्रमण करवाया गया ताकि यहां प्रत्यक्ष रूप से देख सके कि मशरूम उत्पादन कितना आसान एवं सरल हैं। 
प्रशिक्षण के समापन एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मातृ शक्ति सामाजिक कल्याण समिति की अध्यक्ष शोभा यादव थीं। अध्यक्षता कृपा वेलफेयर सोसायटी के निदेशक फादर सुनील ने की। विशेष अतिथि कृपा वेलफेयर क्षेत्रीय सम्नवयक अधिकारी रोजमेरी सिस्टर एवं प्रशिक्षक धर्मेन्द्र बागवान चंदसेरी रहे। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थीयों द्वारा अतिथियों का पुष्पमाला से स्वागत किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में परियोजना अधिकारी चन्द्रशेखर बैरागी ने कहा कि अजा वर्ग के महिला स्वंय सहायता समूह की महिला सदस्यों को जो कि मजदूरी एवं कृषि कार्य करती है उन्हें मशरूम कृषि के माध्यम से अर्थिक विकास के साथ स्वालम्बन एवं नेतृत्व विकास के लिए आठ दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। संचालन कर रहे सहकारी शिक्षा प्रेरक प्रेमसिंह झाला ने कहा कि परियोजना असाक्षर वर्ग के लिये इस प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन करती रहती है ताकि उन्हें सरलता से समय और इन्हें अपनाकर वह अपना जीवन यापन अच्छे प्रकार से कर सके एवं अपना सामाजिक तथा विकास कर सके। समापन समारोह में आये अतिथियों का सहकारी शिक्षा प्रेरक जगदीश नारायणसिंह सिसोदिया ने आभार माना। इस अवसर पर सीमा एमीनेटर कृपा वेलफेयर सोसायटी उपस्थित रहीं।
प्रशिक्षण ने विकसित की महिलाओं की नेतृत्व क्षमता
मुख्य अतिथि शोभा यादव ने कहा कि ग्रामीण, अशिक्षित एवं कमजोर वर्ग की महिलाओं को यदि इसी प्रकार प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार मिले तो वह स्वावलम्बी बनेगी एवं परियोजना द्वारा जिस प्रकार इन महिलाओं की नेतृत्व क्षमता विकसित की है यदि इसी प्रकार के प्रशिक्षण सभी ग्रामों में दिये जाये तो महिलाओं के साथ ग्राम एवं राष्ट्र का विकास होगा एवं महिलाये अपने विचार रखने में सक्षम होगी। प्रशिक्षणार्थियों ने मशरूम पर दिये गये प्रशिक्षण में क्या सीखा इसके बारे में उन्होंने अपने विचारों को कार्यक्रम में सुव्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया। इनके विचार सुनकर ऐसा लगता है कि मशरूम प्रशिक्षण के साथ इन्हें अपनी बात रखने में भी सक्षम बनाया गया है।
जो सीखा वह अपने शब्दों में बताना महिलाओं की उपलब्धि
अध्यक्षता कर रहे फादर सुनील ने कहा कि महिलाओं को शिक्षीत एवं प्रशिक्षित होना होगा व्योंकि महिला ही समाज को सक्षम कर सकेगी। जिस प्रकार बच्चा सर्वप्रथम माँ से ही सिखता है यदि महिला साक्षर एवं सुव्यस्थित होगी तो समाज स्वंय ही व्यवस्थित होगा। कृपा वेलफेयर सोसायटी के माध्यम से हम कमजोर, अजा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग को शिक्षित स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते है जिससे उनका अर्थिक एवं सामाजिक विकास हो सके साथ ही राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को इन वर्गों तक पहुंचाने का कार्य करते है इसी कड़ी में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की सह परियोजना के माध्यम से हमने इन स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को मशरूम कृषि का प्रशिक्षण दिलाया है जिससे इन्हें रोजगार मिले, मजदूरी एवं कृषि कार्य के साथ-साथ इसे सरलतापूर्वक कर सकें। इस प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण बात यह रही कि महिलाओं ने जो प्रशिक्षण लिया उसे उन्होंने अपने शब्दों में पूर्ण रूपेण बतलाया।
उत्पादन के साथ कहां बिकती है मशरूम यह भी बताया
विशेष अतिथि रोजमेरी सिस्टर ने कहा कि इन स्वयं सहायता समूह की महिला असाक्षर होकर कमजोर वर्ग से हैं लेकिन उन्होंने जो प्रशिक्षण लिया एवं अपने शब्दों में जिस प्रकार व्यक्त किया वह आश्चर्यजनक है। प्रशिक्षक धमेन्द्र बागवान ने अपने मशरूम कल्टीवेशन फार्म का प्रतिभागीयों को अवलोकन करवाया और उन्होंने प्रशिक्षण दिया उसे प्रत्यक्ष रूप से समझाया साथ ही मशरूम के कितने उत्पाद (सब्जी, आचार, बिस्कीट, प्रोटीन पावडर इत्यादि) बनते है बतलाया एवं मशरूम की बिक्री कहां-कहां की जा सकती है समझाया। साथ ही उन्होंने मार्गदर्शन के लिए हमेशा उपलब्ध रहने की बात कहीं। 

Leave a reply