निर्वाचन कार्य को बोझ ना समझे, रुचि पूर्वक कार्य करें, जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर की भूमिका चुनाव में महत्वपूर्ण -संभागायुक्त श्री अजीत कुमार
उज्जैन । संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने कहा है कि निर्वाचन कार्य को बोझ न समझते हुए रुचि पूर्वक किया जाए ।पीठासीन अधिकारियों एवं निर्वाचन कार्य से जुड़े हुए कर्मचारियों का प्रशिक्षण कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है ।इसलिए डिस्ट्रिक्ट लेवल मास्टर्स ट्रेनर्स की भूमिका चुनाव में महत्वपूर्ण हो जाती है ।संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने यह बात आज उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों से आए डिस्ट्रिक्ट लेवल मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कही।
संभागायुक्त ने आगे कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव से संबंधित सभी कार्यवाहियों को सिस्टमैटिक कर दिया गया है ।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कम्युनिकेशन प्लान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मॉक पोल के बिना मतदान प्रारंभ नहीं हो सकता है ।मांक पोल के समय होने वाली छोटी-मोटी त्रुटियों को एक अच्छे प्रशिक्षण से रोका जा सकता है ।उन्होंने निर्वाचन से संबंधित सभी गतिविधियों का अध्ययन बारीकी से करने एवं इससे जुड़ी हुई समस्याओं को दूर करने में प्रशिक्षकों की भूमिका को रेखांकित किया।
कलेक्टर शशांक मिश्रा ने कहा कि निर्वाचन में पोस्टल बैलट एवं सर्विस वोटर्स के मसले को अत्यधिक सावधानीपूर्वक डील किया जाए । इसका प्रशिक्षण जिला स्तर पर देना अत्यधिक आवश्यक है। कलेक्टर ने कहा कि माक पोल के समय किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के संयोजन से संबंधित आने वाले इश्यू के निराकरण के सम्बंध में भी यदि प्रशिक्षण में सावधानीपूर्वक पीठासीन अधिकारियों को ट्रेंड किया जाए तो ये मामले कम हो सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि अधिकांश ईवीएम से जुड़ी हुई समस्याएं उनके आपस में लिंक करने से सम्बन्धित होती है। ऐसे मामलों में कई बार पोलिंग पार्टी है समझ लेती है कि ईवीएम में गड़बड़ी है ,जबकि ऐसा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कई तरह की भ्रांतियां समय रहते प्रशिक्षण में ही दूर की जा सकती है। कलेक्टर ने माक पोल से संबंधित सभी मामलों को स्टेप बाय स्टेप डील करने को कहा है।
प्रशिक्षण की नोडल अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने कहा कि यह प्रशिक्षण की शुरुआत है ।लोकसभा निर्वाचन में संभाग स्तर से लेकर जिला स्तर तक विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने सभी मास्टर ट्रेनर्स से गंभीरता पूर्वक प्रशिक्षण लेकर अपने-अपने जिलों में चुनाव से जुड़े अमले को प्रशिक्षित करने का आह्वान किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी डॉ.संदीप नाडकर्णी ने बताया कि जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स के एक दिवसीय प्रशिक्षण में स्वीप, आईटी एप्लीकेशन, नाम निर्देशन प्रक्रिया, मतदान दलों का प्रशिक्षण, ईवीएम, मतगणना प्रक्रिया, निर्वाचन व्यय लेखा, एमसीएमसी, कम्युनिकेशन प्लान आदि पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया जायेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्वीप के नोडल अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि स्वीप की गतिविधियां मुख्यतः नए मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने एवं मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए की जाती है ।इसके लिए विभिन्न जिलों में स्वीप सेल द्वारा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वीप गतिविधियों से विधानसभा निर्वाचन में निश्चित रूप से मतदान मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग मतदाताओं के लिए की गई व्यवस्था का प्रचार-प्रसार भी विधानसभा निर्वाचन के दौरान अच्छे तरीके से किया गया है।इसी तरह की गतिविधियां लोकसभा निर्वाचन में भी की जाना है।
निर्वाचन में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि यदि हमें एक्यूरेसी के साथ आउटपुट चाहिए तो निर्वाचन की सभी गतिविधियों में आईटी एप्लीकेशन का उपयोग करना होगा ।उन्होंने शिकायत निवारण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आम जनता की शिकायत की मॉनिटरिंग, शिकायत को दर्ज करने की एक ऑनलाइन प्रोसेस है। इस पर विशेष ध्यान देना होगा। श्री यादव ने बताया कि एसएमएस द्वारा कम्युनिकेशन प्लान एवं कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों का निपटान किस तरह से किया जा सकता है ।उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक जिले को सीधे 1950 के माध्यम से मुख्यालय से जोड़ दिया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संभाग के प्रत्येक जिले से 4-4 मास्टर ट्रेनर्स शामिल हुए। संचालन डॉ.संदीप नाडकर्णी ने किया।