प्रथम चरण में प्रदेश में 1 हजार गोशालाओं का निर्माण चयनित पंचायतों में किया जायेगा
क्रियान्वयन के लिये दिशा-निर्देश जारी
उज्जैन। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में निराश्रित गोवंश की देखरेख के लिये गोशालाओं का निर्माण पंचायत स्तर पर करने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में प्रदेश में एक हजार गोशालाओं का निर्माण चयनित पंचायतों में किया जायेगा। परियोजना को क्रियान्वित करने के लिये राज्य शासन ने दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।
जिला स्तरीय गोशाला परियोजना समन्वय समिति का गठन
जिला स्तर पर जिला स्तरीय गोशाला परियोजना समन्वय समिति गठित की गई है। समिति का आगे नाम ‘समन्वय समिति’ रहेगा। समिति के अध्यक्ष कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं वन मण्डलाधिकारी होंगे। समिति के सदस्य सचिव जिला पंचायत सीईओ, आरईएस के ईई, पीएचई के ईई, विद्युत वितरण कंपनी के एसई तथा सहसचिव पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक, कृषि विभाग के उप संचालक, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक एवं आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक होंगे। उक्त समिति के सदस्यों के अलावा समिति विषय विशेषज्ञों को भी बैठक में आमंत्रित कर सकेगी।
अनुभाग स्तर पर भी समिति का गठन
जिले के प्रत्येक राजस्व अनुभाग स्तर पर भी अनुविभागीय गोशाला परियोजना क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष राजस्व अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, वन अनुविभागीय अधिकारी होंगे। सदस्य सचिव जनपद पंचायत सीईओ, आरईएस के सहायक यंत्री, पीएचई के सहायक यंत्री, विद्युत विभाग के अनुविभागीय अधिकारी होंगे। समिति में सहसचिव पशु विभाग के पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी एवं विकास खण्ड प्रबंधक आजीविका मिशन होंगे।
गोशाला परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देशों के साथ जिला स्तरीय एवं अनुभाग स्तरीय समितियों को दायित्व सौंपे गये हैं।
संभाग में 156 गोशाला का लक्ष्य
गोशाला परियोजना हेतु प्रदेश के जिलों में गोशाला का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उज्जैन संभाग में 156 गोशालाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में 24, मंदसौर, देवास, शाजापुर, आगर जिले में 30-30, नीमच जिले में 6 एवं रतलाम जिले में 6 गोशालाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि संभाग के मंदसौर जिले में 18675, देवास जिले में 12400, शाजापुर जिले में 12000, आगर जिले में 11305, उज्जैन जिले में 8410, नीमच जिले में 3000 और रतलाम जिले में 2012 निराश्रित गोवंशों की संख्या है।