वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत लम्बित प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जाये
अधिकारी समन्वय बनाकर प्रकरणों का निराकरण करें
उज्जैन । संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने शुक्रवार 8 फरवरी को दोपहर में बृहस्पति भवन में वनाधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति के व्यक्तिगत दावे एवं अन्य परम्परागत निवासियों के लम्बित प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि समन्वय बनाकर लम्बित प्रकरणों का निराकरण करें। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। संभागायुक्त ने आदिवासी उपायुक्त को निर्देश दिये कि वे वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरणों की जिलेवार संक्षिप्त जानकारी का फोल्डर तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। प्रथम चरण की बैठक में वनाधिकार अधिनियम एवं वन विभाग के मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा कर संभागायुक्त ने सम्बन्धितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में उपायुक्त आदिवासी ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम के अन्तर्गत जनजातियों के संभाग में व्यक्तिगत दावे एवं अन्य परम्परागत निवासियों के दावों की जिलेवार जानकारी प्रस्तुत की। संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने जिलेवार उक्त दावों की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत दावों का निराकरण कर अपने रिकार्ड में दर्ज किया जाये। संभागायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व रिकार्ड के खसरे में प्रविष्टि के आधार पर वनाधिकार अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें। संभागायुक्त ने अधिनियम के तहत जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग आदि के वनाधिकार के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा कर वन विभाग से समन्वय स्थापित कर निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि भूमि का चिन्हांकन एवं रकबे का क्षेत्रफल का निर्धारण किया जाये। इसके बाद कलेक्टर न्यायालय में राजस्व भूमि का हस्तांतरण सम्बन्धी कार्यवाही वन एवं राजस्व भूमि का संयुक्त निरीक्षण किया जाये। तत्पश्चात राजस्व भूमि का वन विभाग को हस्तांतरण किया जाये। इसके बाद वन विभाग क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा ऑनलाइन प्रविष्टि कर राज्य नोडल अधिकारी को परीक्षण हेतु भिजवाया जाये।
बैठक में वन संरक्षक श्री बीएस अन्नीगैरी, संभाग के समस्त जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन मण्डलाधिकारी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री, आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री, मनरेगा आदि के अधिकारीगण उपस्थित थे।