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गाँधी एवं नेहरू वंश के वारिस नया इतिहास रचें


 
मध्यप्रदेश में गो एवं पर्यावरण रक्षक दलों का गठन हो

उज्जयिनी में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के गो विज्ञान एवं पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हो- आचार्य सत्यम् 

उज्जैन। यदि नकली राष्ट्रवादियों को भारतीय स्वाधीनता संग्राम की वारिस पार्टी जवाब देना चाहती है तो उसे गाँधी, सुभाष और नेहरू के मार्ग का अनुसरण करना होगा। कांग्रेस के ये सभी आदर्श नेता जब वन्दे मातरम् गाते थे, तब भारत माता का स्वरूप सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम् था। आज उस दैवीय स्वरूप का अस्तित्व संकट में है। मध्यप्रदेश किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए चुनावी रसगुल्ले बांटने और धरतीपुत्रों तथा युवाओं को अकर्मण्य बनाने की जन और राष्ट्र विरोधी परम्परा का निर्वाह करने के स्थान पर अपने पूर्वजों और विशेषकर स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों का पालन करते हुए भारतीयों को कर्मवीर बनाने की दिशा में अग्रसर होकर गांधी, नेहरू के वारिस मध्यप्रदेश में कम से कम 10 लाख प्रशिक्षित गो एवं पर्यावरण रक्षकों को मनरेगा तथा अन्य पर्यावरण रक्षक योजनाओं में नियोजित करने हेतु गो एवं पर्यावरण रक्षक दलों का गठन कर प्रियंका एवं राहुल गाँधी भारतीय इतिहास में अमर हो सकते हैं और यही नकली राष्ट्रवादियों को माकूल जवाब होगा। गाय-गंगा-गौरी और वसुंधरा के पर्यावरण की रक्षार्थ अपने 8 दिवसीय आमरण अनषन को स्थगित करने के प्श्चात् नदियों और गोवंश की रक्षा के लिए प्रस्तावित मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं और घोषणाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आचार्य सत्यम् ने राहुल गाँधी के मध्यप्रदेश आगमन पर उपरोक्त वक्तव्य प्रसारित कर बताया कि संप्रग शासन काल की हमारे वरिष्ठ साथी ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. रघुवंषप्रसाद सिंह की प्रस्तावित मनरेगा को ही यदि सम्पूर्ण भारत में ईमानदारी और जन सहयोग से लागू किया जाता तो आज देवभूमि भारत का अस्तित्व संकट से उबर जाता। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता तथा वृद्ध किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन देकर निठल्ला बनाने के स्थान पर उन्हें अतिरिक्त मानदेय और शासकीय भूमियों पर पट्टे देकर भारत माँ को सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम् के साथ ही सुखदाम् वरदाम् मातरम् बनाया जा सकता है। क्या श्री राहुल गांधी हमारा परामर्श मानेंगे? 

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