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चिट फंड कंपनियों की तर्ज पर अवैध रूप से चल रही फायनेंस कंपनी


 

मुख्यमंत्री, संभागायुक्त, कलेक्टर से की निर्दोष लोगों को बड़ी लूट का शिकार होने से बचाने की गुहार

उज्जैन। संस्था एसएमजी द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य सक्षम संस्थानों की अनुमति के बिना देवास रोड़ स्थित डिवाईन वैली में पहली मंजिल पर फायनेंस संस्थान अवैधानिक रूप से संचालित की जा रही है। संस्था के संचालक विक्रमसिंह चौहान द्वारा द्वारा आगर जिले में ठगी करने के बाद अब उज्जैन में गोरखधंधा चलाया जा रहा है। जिस पर तत्काल रोक लगाकर आम लोगों का बड़ी लूट का शिकार होने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री, संभागायुक्त तथा कलेक्टर को शिकायत की गई है जिसमें मांग की कि जनहित में इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। 

माधव क्लब रोड़ स्थित आशियाना अपार्टमेंट निवासी जगदीश सूर्यवंशी ने मुख्यमंत्री, संभागायुक्त तथा कलेक्टर को की शिकायत में कहा कि एसएमजी (श्रीमाया ग्रुप) डिवाईन वैली प्रथम तल देवास रोड़ पर फर्जी फायनेंस फर्म का संचालन डायरेक्ट सेल एजेंट के तौर पर किया जा रहा है जबकि इसके संचालक विक्रमसिंह चौहान के पास डीएसए संचालन हेतु विधिवत अनुमति शासन से नहीं ली गई है। सूर्यवंशी ने बताया कि विक्रमसिंह चौहान पूर्व में एस्पायर फायनेंस उज्जैन में कार्य करते थे जहां इनके धोखाधड़ी पूर्ण क्रियाकलापों के चलते वहां से हटा दिया गया था। आगर जिले में उक्त विक्रमसिंह चौहान अपने गिरोह के साथियों के साथ एसएमजी के माध्यम से तकरीबन 12 लाख रूपये की ठगी कर चुके हैं। इस बात की भी जानकारी मिली है कि उक्त एसएमजी फर्म एक भागीदारी फर्म है तथा उक्त भागीदारी फर्म को फायनेंस करने व फायनेंस संबंधी पुष्टिकरण व अन्य क्रियाकलाप करने का कोई अधिकार नहीं है और न ही इनके पास रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या अन्य किसी सक्षम संस्थान से कोई अनुमति है। 

लोन के नाम पर 8 से 10 हजार की करते हैं अवैध वसूली

जगदीश सूर्यवंशी ने बताया कि सूत्रों के अनुसार एसएमजी ने उक्त डीएसए हेतु एक्मे हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड 4, 5 सब सिटी सेंटर, सविना सर्कल, उदयपुर (रजि.) से मात्र एग्रीमेंट कर रखा है परंतु डीएसए देने हेतु उक्त एक्मे फायनेंस कंपनी को भी अधिकार प्राप्त है या नहीं यह इस अनुबंध में स्पष्ट नहीं है। उक्त फर्जी डीएसए द्वारा प्रोसेस फी, फाईल चार्ज के नाम पर एक आवेदक से 8 से 10 हजार रूपये लिये जाते हैं और अधिकांशतः उनको लोन न दिया जाकर यह राशि हड़प् ली जाती है, यह चार्ज भी पूरी तरह अवैधानिक है। उक्त फर्जी डीएसए द्वारा भाग्यवश लोन प्राप्त करने वाले आवेदक की किश्तों को उक्त एक्मे हाउसिंग फायनेंस कंपनी की ओर जमा नहीं किया जाता। परिणामस्वरूप संबंधित ऋणियों की संपत्ति कुर्क होती है और कई लोग बर्बाद हो जाते हैं इसी प्रकार की धोखाधड़ी उक्त फर्जी डीएसए एसएमजी ने आगर मालवा जिले में हाल ही में की है।

चिटफंड कंपनियों के समान है फर्जी डीएसए फर्म 

जगदीश सूर्यवंशी ने शिकायत में कहा कि चिटफंड कंपनियों के समान यह फर्जी डीएसए फर्म फायनेंस के नाम पर आगर जिले के समान उज्जैन में भी लाखों करोड़ों रूपये की जनता से जालसाजी होने का अंदेशा बना हुआ है। चूंकि उक्त फर्जी डीएसए के संचालक विक्रमसिंह चौहान द्वारा स्वयं को एक्मे हाउसिंग फायनेंस कं.लि. का संरक्षण बताया जाकर यह आर्थिक अनियमितता, धोखाधड़ी, चारसौबीसी की जा रही है। इससे साफ है कि उक्त एक्मे हाउसिंग फायनेंस कंपनी भी उक्त फर्जी डीएसए के आर्थिक अपराध में पूरी तरह सांठ गांठ कर संयुक्त रूप से धोखाधड़ी में सहयोग कर रही है व संरक्षण देरही है जबकि स्वयं कंपनी के पास डीएसए वितरण आदि संबंधी अधिकार नहीं है। 

पहले भी हुई करोड़ों की धोखाधड़ी

उक्त फर्जी डीए उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, आगर, भोपाल परिक्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है। यह करोड़ों रूपये का लेनदेन करती है परंतु यह लेन देन करने हेतु सक्षम अनुमति इसके पास नहीं है। पूर्व में कम्प्यूटर आईडी की धोखाधड़ी करोड़ों की हो चुकी है, माइक्रो फायनेंस सहित ज्यादातर वारदातें करने वाले फर्जी संस्थान, अपराधियों के कार्यालय डिवाईन वैली में ही है, वहीं लगातार घटनाओं के बावजूद पुलिस पूरी तरह मूकदर्शक बनी हुई है। 

धोखाधड़ी करने वालों की संपत्ति राजसात हो

उक्त एक्मे हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड द्वारा जालसाजी करने, नियम वरूध्द डीएसए वितरण तथा नियम विरूध्द वित्तीय संस्थान एवं वित्तीय लेन देन की गतिविधियों आदि संचालित करने तथा इस गैर मान्यता प्राप्त व अधिकार विहीन वित्तीय संस्थान माध्यम से धोखाधड़ी की जा रही है। इसलिए उक्त कंपनी का लायसेंस तत्काल निरस्त कराया जाकर उक्त कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाकर इनकी समस्त संपत्ति राजसात की जाए जिससे निर्दोष नागरिक इनकी धोखाधड़ी का शिकार होने से बच जाएं। 

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