महंत प्रकाश पुजारी का निर्णय महाकाल एक्ट के अनुकूल
उज्जैन। महाकाल मंदिर एक्ट जब से लागू किया गया तब से आज तक विवाद की स्थिति बनी रही क्योंकि एक्ट संपूर्ण मंदिर पर लागू नहीं हो सका था। महाकाल मंदिर परिसर में महानिर्वाणी अखाड़ा अपनी समानांतर व्यवस्था चलाता था लेकिन आज महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरी ने ओंकारेश्वर एवं नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुजारी होना स्वीकार करते हुए मंदिर एक्ट की गरिमा को बढ़ाया है। उसके लिए अभा पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक महेश पुजारी ने महंत को बधाई देते हुए मंदिर प्रबंध समिति की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा आशा व्यक्त की कि मंदिर प्रबंध समिति महाकालेश्वर मंदिर के अंतर्गत आने वाले मंदिर पुजारी, पुरोहित एवं महंत के साथ एकसा व्यवहार किया जावेगा। मंदिर समिति से यह भी आग्रह किया है कि दोनों मंदिर ओंकारेश्वर एवं नागचंद्रेश्वर में दानपात्र लगाकर पुजारी (महंत) को अंश देना आरंभ करती है तो भविष्य में महंत को महानिर्वाणी अखाड़े का कतिपय संतों से कोई परेशानी नहीं होगी।