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साकेत नगर से उद्यान हुआ चोरी



आईजी, कलेक्टर, निगमायुक्त को शिकायत कर कहा चोरी हुए उद्यान को ढूंढ दीजिये-कलेक्टर, आईजी ने कहा मामला गंभीर
उज्जैन। वार्ड क्रमांक 47 में स्थित साकेत नगर में नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से उद्यान के नाम पर आधा दर्जन बार लाखों रूपये निकाल लिए गए जहां हकीकत में उद्यान है ही नहीं। यहां 63 हजार से 10 लाख तक के कई बार भुगतान निकाले गए। सूचना के अधिकार के तहत जब जानकारी निकाली तो पता चला कि उद्यान सिर्फ कागजों पर है, और निर्माण के नाम पर निकला भुगतान भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदार की जेब में। ऐसे में समाजसेवी धनराज गेहलोत ने आईजी, कलेक्टर तथा निगमायुक्त को आवेदन देकर कागजों में दिखाई देने वाले उद्यान के मौके पर से चोरी हो जाने की शिकायत दर्ज कराई है और अधिकारियों से उक्त उद्यान को ढूंढने की मांग की है। 
शास्त्रीनगर निवासी समाजसेवी धनराज गेहलोत ने आईजी, कलेक्टर, निगमायुक्त को वार्ड क्रमांक 47 स्थित साकेत नगर का पार्क गायब हो जाने के मामले में संबंधितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की साथ ही शिकायतकर्ता को न्याय दिलाकर जान माल व परिवार की रक्षा करने की गुहार लगाई। शिकायत में कहा कि वार्ड नंबर 47 में स्थित साकेत नगर में एक पार्क बना था जो कि चोरी हो चुका है जिसकी सत्यता की पुष्टि के लिए धनराज गेहलोत ने नगर पालिक निगम कॉलोनी सेल तथा ग्राम व निवेश विभाग के कागजात पेश किये। जिसमें कागजों पर तो उद्यान है लेकिन मौके पर उद्यान मौजूद नहीं है। बावजूद इसके उद्यान चोरी हो जाने के बाद भी नगर निगम प्रशासन द्वारा लाखों रूपये के फर्जी बिल पास कर दिये गये हैं जिनके साक्ष्य में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली प्रमाणिक जानकारी की कॉपी संलग्न की। धनराज गेहलोत ने बताया कि संबंधित ठेकेदार, कर्मचारी व अधिकारियों की मिली भगत का यह महाघोटाला है। 
उद्यान चोरी में ये शामिल
धनराज गेहलोत ने बताया कि कॉलोनी सेल प्रभारी डोंगरसिंह परिहार, क्षेत्रीय पार्षद विजयसिंह दरबार, उद्यान प्रभारी योगेंद्र गंगराड़े, ठेकेदार कमलेश पगारिया झोन प्रमुख के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी जो कि भुगतान की प्रक्रिया से गुजरते हैं सभी इस घोटाले में सम्मिलित हैं। उक्त उद्यान जो मौके पर नहीं है तो किस आधार पर उद्यान विकास के नाम पर राशि आहरित कर ली गई। 
निर्माण के लिए हुए कई बार भुगतान
धनराज गेहलोत ने बताया कि जहां उद्यान ही नहीं वहां 24 अगस्त 2017 को भुगतान क्रमांक 464 से 63 हजार 700 रूपये, 12 अगस्त 2016 को भुगतान क्रमांक 267 से 1 लाख 77 हजार 955 रूपये, 31 मार्च 2017 को भुगतान क्रमांक 825 से 4 लाख 26 हजार 653, 24 मई 2017 को 10 लाख 37 हजार 870 रूपये का भुगतान यहां निर्माण कार्य के नाम पर हुआ। 
अब फिर 20 लाख का भुगतान प्रक्रिया में
धनराज गेहलोत ने मांग की कि झोन 6 द्वारा जारी डिमांड प्रस्ताव के सरल क्रमांक 6 के अंतर्गत वार्ड नंबर 47 में साकेतनगर 19 लाख 76 हजार रूपये का भुगतान तत्काल रोका जावे। जिसके दस्तावेज की कॉपी संलग्न है। झोन 6 में काफी बाहुबली अधिकारी व कर्मचारी बैठे हैं जो किसी भी स्तर पर कुछ भी कर सकते हैं। 
शिकायतकर्ता ने बताया खुद की जान को खतरा
धनराज गेहलोत ने समस्त दस्तावेज अधिकारियों को सौंपकर मांग की कि मौके पर भौतिक सत्यापन कर चोरी हो चुके उद्यान का पता लगाई जाए तो सत्यता उजागर हो जाएगी। वहीं आशंका जताई कि शिकायत के बाद मेरे परिवार को जान माल का खतरा उत्पन्न हो गया है। मुझे इस बाबत धमकाया जा रहा है कि मुंह खोला या कागज खोला तो तेरी जिंदगी सदा के लिए बर्बाद कर दी जाएगी। 
10 करोड़ से उपर का खेल 
गुमशुदा पार्क का भौतिक सत्यापन करवाने से ही सत्यता उजागर हो जाएगी एवं संबंधित ठेकेदार जो कि भारी भरकम बिल लगाकर राशि ऐंठ चुका है उसके द्वारा अब तक नगर निगम में किये गये समस्त कार्यों की जांच के लिए एक कमेटी बनाकर जांच करवाई जाए तो करीब 10 करोड़ से उपर का खेल उजागर हो सकेगा। 
कलेक्टर, आईजी ने कहा मामला गंभीर
धनराज गेहलोत ने बताया कि कलेक्टर तथा आईजी को शिकायत की तो दोनों अधिकारियों ने मामले को गंभीर बताया तथा इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की बात कही। 

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