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सोमवती अमावस्या पर हजारों लोगों ने शिप्रा में स्नान किया



जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से प्रसन्न नजर आए श्रद्धालु 
उज्जैन |  सोमवती अमावस्या  के अवसर पर शिप्रा तट पर स्थित सोमतीर्थ कुंड में स्नान का अपना अलग महत्व है ।इसी  तरह ऐतिहासिक रामघाट पर भी स्नान कर मां शिप्रा का आचमन करना एक पुण्य का कार्य माना जाता है।
   उज्जैन संभाग के ग्रामीण अंचलों से आकर हजारों स्त्री, पुरुष एवं बच्चे आज 4 फरवरी को  शिप्रा तट पर एकत्रित हुए और उन्होंने सोम तीर्थ कुंड पर एवम  रामघाट पर पवित्र स्नान किया। जिला प्रशासन द्वारा शिप्रा नदी में नर्मदा का पानी लाकर नदी के पानी को स्वच्छ एवं निर्मल बना दिया गया। इससे न केवल ग्रामीण बल्कि शहर से आने वाले श्रद्धालु अत्यंत प्रसन्न नजर आए। उन्होंने  माना कि सोमवती अमावस्या पर इस तरह का काम पहली बार हुआ है। इससे पहले सोम तीर्थ के आसपास गंदगी रहती थी, लोग उस  पानी  से नहाना तो दूर छूने से भी डरते थे। इस बार राज्य सरकार  के निर्देश पर  प्रशासन  द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं करके देवास बैराज से  नर्मदा का पानी छोड़ा  गया एवं रास्ते में पेट्रोलिंग कर पानी की चोरी रोकते हुए समय सीमा में त्रिवेणी घाट पर नर्मदा का जल लाकर मिला दिया गया। इससे ना केवल त्रिवेणी बल्कि  भूखीमाता घाट, रामघाट, गऊघाट दत्त अखाड़ा घाट पर पानी स्वच्छ एवं निर्मल हो गया। श्रद्धालुओं की स्नान करने  की ललक स्वच्छ एवं पवित्र पानी को देख कर और बढ़ गई।

   आज सोमवार को सुबह प्रातः 6:00 बजे से ही  शिप्रा तट पर  लोगों का तांता लग गया था। ठंड के बावजूद बच्चे, बूढ़े, जवान सभी अत्यंत ही मन से शिप्रा में डुबकी लगाते देखे गए। प्रशाशन द्वारा पर्याप्त  सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी । इसी के साथ  चेंजिंग  रूम, साफ सफाई, अस्थाई रूप से शौचालय, स्वास्थ्य कैम्प आदि लगाकर आम श्रद्धालुओं की सेवा की गई।

व्यवस्थाओं से गदगद हुए श्रद्धालु
   जिला प्रशासन द्वारा सोमवती अमावस्या पर सुगम एवं स्वच्छ जल में स्नान हेतु की गई व्यवस्थाओं से सोमवती अमावस्या नहान के लिये उज्जैन आये श्रद्धालु अत्यधिक प्रसन्न नजर आये। शिप्रा के स्वच्छ जल में डुबकी लगाकर मानो उनके मन की मुराद पूरी हो गई। ग्राम रूदाहेड़ा से आये मोहन सोमतीर्थ से नहाकर परिवार सहित निकले और प्रसन्नचित मुद्रा में उन्होंने बताया “ऐसी व्यवस्था किसी भी सोमवती पर नहीं की गई है। घाट के आसपास की सफाई, स्वच्छ जल के फव्वारे और आने-जाने की सुगम व्यवस्था उन्हें सिंहस्थ की याद दिला गई।” वे कहते हैं “हर स्नानपर्व पर ऐसी व्यवस्थाएं होनी चाहिये।” ग्राम टोकरा जिला शाजापुर की बीरमबाई अपने पति और दो बच्चों के साथ स्नान करने सोमतीर्थ पर पहुंची तो उनकी खुशी का ठीकाना नहीं रहा। वे कहती हैं कि “इसके पहले आसपास इतनी गन्दगी रहती थी कि उन्हें मन मसोसकर स्नान करना पड़ता था, किन्तु आज उन्होंने मन से स्नान किया और वे प्रशासन की व्यवस्था से गदगद नजर आईं।” बापू नगर के निवासी भगवान सिंह कहते हैं कि “ऐसी व्यवस्था उन्होंने कई साल बाद देखी है।” ग्राम सुल्तानपुरा के रामसिंह के भी इसी तरह के विचार थे। वे कहते हैं “प्रशासन चाहे तो सबकुछ कर सकता है। कहां शिप्रा मैया में काई लगा हरा पानी देखने को मिलता था, वहीं अब स्वच्छ और निर्मल जल स्नान के लिये मिल रहा है। श्रद्धालु ऐसी व्यवस्थाओं से अत्यधिक प्रसन्न नजर आ रहे थे।”

पर्वस्नान की व्यवस्थाएं
   सोमवती अमावस्या पर्वस्नान के मद्देनजर प्रशासन की ओर से चाक-चौबन्द व्यवस्थाएं की गई थी। सोमतीर्थ कुण्ड और रामघाट पर जगह-जगह सुरक्षा और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा गया। रामघाट पर गहरे पानी के चेतावनी चिन्ह लगाये जाकर रस्सियां लगाई गई। सोमतीर्थ कुण्ड के आसपास बैरिकेट्स, जाली और फव्वारे लगाये गये हैं। सोमतीर्थ के समीप चलित शौचालय भी बनाये गये। वहीं सोमतीर्थ के समीप पानी की टंकी भी लगाई गई।संभागायुक्त श्री अजीत कुमार, आईजी श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर ने समय-समय पर दौरा कर व्यवस्थाओं पर नजर रखी।

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