वास्तु दोष के कारण रूका उज्जैन का औद्योगिक विकास
अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन एवं ज्योतिष मेले में राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों ने ईशान कोण में औद्योगिक क्षेत्र को बताया उन्नति में बाधक
उज्जैन। मां शारदा ज्योषिधाम अनुसंधान संस्थानम् द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन एवं ज्योतिष मेले में अंतिम दिन उज्जैन में वास्तु दोष पर चर्चा हुई जिसमें उज्जैन के रूके हुए औद्योगिक विकास, उसके कारण और निदान पर चर्चा हुई। सम्मेलन में आग्नेय दिशा से क्षिप्राजी का आना, ईशान कोण में औद्योगिक क्षेत्र का रहना उन्नति में बाधक बताया गया। राष्ट्रीय स्तर के वास्तु विदों ने अगले सत्र में चर्चा करके बाधा के निराकरण के लिए उचित गणितीय गणना करके देने का वादा किया।
आयोजक दिनेश गुरूजी, महासम्मेलन संयोजक पं. योगेन्द्र महंत, महासम्मेलन अध्यक्ष आनंद शर्मा (भाया) एवं संगीता शर्मा ने बताया कि फाजलपुरा पुलिस लाईन के सामने स्थित होटल अविका में 19वां अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन एवं ज्योतिष मेले में अंतिम दिन वास्तु शास्त्र का मानव जीवन पर प्रभाव विषय पर चर्चा हुई। इसी समय में षष्ठम सत्र अंक शास्त्र विषय पर हुआ। सप्तम सत्र वैवाहिक जीव व हस्तरेखा विषय पर हुआ। दोपहर में जनता को फ्री मार्गदर्शन दिया गया। टेरो कार्ड एवं यंत्र, मंत्र का मानव जीवन का प्रभाव पर व्याख्यान के पश्चात समापन समारोह एवं विद्वानों का सम्मान किया गया। परामर्शदाता अपेक्षा शुक्ला, सम्मेलन महासचिव सीता शर्मा, अंजू परमार एवं संरक्षक अर्चना सरमंडल ने बताया कि सम्मेलन में कुमार गणेश जयपुर, अरूण बंसल दिल्ली, मोहनलाल द्विवेदी मय्यर, डॉ. वी.वी. रवि हैदराबाद, पं. रामशंकर वाजपेयी इंदौर, जयेश भाई अहमदाबाद ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। संचालन पं. हिरेन्द्र शुक्ला बैतूल ने किया। सम्मेलन को सफल बनाने में जिसमें विशेष सहयोगी मुख्य संरक्षक पं. श्रीराम शर्मा बाबा ट्रेवल्स, महासम्मेलन महिला संयोजक नंदिनी जोशी, प्रभा बैरागी, रेखा मेहता, ज्योतिषाचार्य मितेश मालवीय, सम्मेलन महासचिव आशीष कनेरिया, महासम्मेलन उपाध्यक्ष पं. दिलरेश व्यास, सम्मेलन महासचिव पं. गौरव तिवारी राजपुरोहित, आभा पारिख, डॉ. प्रियंका चौबे, गुड्डू महाराज, किरण शर्मा, मंजूला जैन, डॉ. विशाल शुक्ल, रोहित वर्मा, एस. जोशी, अमृतेष त्रिवेदी, वंदना घाटिया, निधी शुक्ला, इंदिरा त्रिवेदी, ममता मिश्रा, पल्लवी शर्मा, टीना जोशी, लक्ष्मण सिंह, भोलानाथ द्विवेदी, मोहनलाल द्विवेदी आदि रहे।