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गाय-गंगा-गौरी और वसुंधरा के पर्यावरण की रक्षार्थ, आमरण अनशन का पांचवा दिन, राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन


 

पंगु नाथ सरकार का गांधीवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं- आचार्य सत्यम् 

उज्जैन। मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम् का आमरण अनशन मालवा की गंगा शिप्रा के तट नृसिंह घाट पर पाँचवे दिन भी जारी है और न्याय प्राप्ति तक जारी रहेगा।

अनुष्ठान के सचिव कालूराम प्रजापति ने बताया कि आचार्य सत्यम् के अनशन को व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा पार्टी के उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश स्टेट बार कौंसिल के अध्यक्ष रहे सुरेन्द्र मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया है। उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ इंदौर के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पद्माकर शुक्ला अपने साथियों सहित अनशन स्थल पर उपस्थित हुए और सहयोग तथा समर्थन की घोषणा की। उज्जयिनी के गोभक्त एवं शिप्रा भक्तों ने भी अपना समर्थन देना प्रारंभ कर दिया है। अनशनरत् आचार्य सत्यम् ने बताया कि दिग्गी सरकार द्वारा वर्ष 2003 में भैरवगढ़ जेल की कालकोठरी में रखने तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर के हस्तक्षेप से रिहा करने के पश्चात हमें राष्ट्रीय एकता परिषद का पदाधिकारी बनाकर लालबत्तीधारी होने का प्रस्ताव दिया था जो अस्वीकार करने पर लालूप्रसाद और उनके राष्ट्रीय जनता दल के परामर्श पर हमें मध्यप्रदेश का आदर्श नागरिक घोषित करने का निर्णय लिया था। आज दिग्गी राजा अपनी पंगु सरकार के चाणक्य बने हुए हैं लेकिन हमारे सत्याग्रहों को नजरअंदाज करने की प्रेरणा भी संभवतः पंगु नाथ सरकार को दे रहे हैं। कांग्रेस का महात्मा गांधी के आदर्शों और लोकतांत्रिक मूल्यों में यकीन नहीं रहा है। इसी कारण आजादी के आंदोलन की पार्टी संसद में मान्यता प्राप्त विपक्षी दल भी नहीं रही और जनआक्रोश के चलते सत्ता में आने पर भी अपने अलोकतांत्रिक कृत्यों के कारण संभवतः आगामी लोकसभा चुनाव के पूर्व मध्यप्रदेश में धराशायी हो सकती है। आचार्य सत्यम ने संकल्प व्यक्त किया कि हर कीमत पर अपने अनुष्ठान को जारी रखने के लिए प्रतिज्ञाबध्द हैं। 

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