संभागायुक्त एवं आईजी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सोमतीर्थ, रामघाट एवं त्रिवेणी घाट पर की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया
उज्जैन। संभागायुक्त श्री अजीत कुमार एवं पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन रेंज उज्जैन श्री राकेश गुप्ता ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सोमवार 04 फरवरी को सोमवती अमावस्या स्नानपर्व के दृष्टिगत सोमतीर्थ (जल्पेश्वर महादेव), रामघाट एवं त्रिवेणी घाट का शाम 4 बजे के बाद निरीक्षण किया। संभागायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को स्नान स्थलों पर व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि सोमतीर्थ स्थल पर सीसीटीवी कैमरे एवं बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाये। साफ-सफाई, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था करने के निर्देश दिये। संभागायुक्त एवं आईजी ने सर्वप्रथम सोमतीर्थ स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद रामघाट एवं त्रिवेणी घाट का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश सम्बन्धितों को दिये। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल, एडीएम श्री जीएस डाबर, एसडीएम श्री वर्मा सहित प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी आदि उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को बताया गया कि देवास बैराज से छोड़ा गया नर्मदा का पानी आज 2 फरवरी को त्रिवेणी घाट पर पहुंच चुका है।
सोमवती अमावस्या पर्वस्नान की व्यवस्थाएं चाक-चौबन्द
सोमवती अमावस्या पर्वस्नान के मद्देनजर प्रशासन की ओर से चाक-चौबन्द व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सोमतीर्थ कुण्ड और रामघाट पर जगह-जगह सुरक्षा और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रामघाट पर गहरे पानी के चेतावनी चिन्ह लगाये जाकर रस्सियां लगा दी गई हैं। सोमतीर्थ कुण्ड के आसपास बैरिकेट्स, जाली और फव्वारे लगाये गये हैं। सोमतीर्थ के समीप चलित शौचालय भी लगाये गये हैं। वहीं सोमतीर्थ के समीप पानी की टंकी भी लगाई गई है। शनिवार को सोमतीर्थ कुण्ड पर फव्वारे चलाकर देखे गये। उल्लेखनीय है कि सोमवती अमावस्या पर काफी तादाद में श्रद्धालु विशेषकर महिलाएं सोमतीर्थ कुण्ड के जल से स्नान करती हैं और उसके बाद सोमतीर्थ में जल्पेश्वर महादेव के दर्शन कर समीप स्थित पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करती हैं।
चौरासी महादेव में से एक हैं ‘जल्पेश्वर महादेव’
सोमतीर्थ में चौरासी महादेव में से एक जल्पेश्वर महादेव का मन्दिर है, जिनका विशेष प्राचीन महत्व है। चौरासी महोदव में जल्पेश्वर महादेव 66वे स्थान पर हैं। पुराणों में भी जल्पेश्वर महादेव का उल्लेख स्कंदपुराण के आवन्त्य खण्ड में लिंग माहात्म्य अध्याय में मिलता है, जिसके अनुसार सुबाहु, शत्रुमही, जय, विजय तथा विक्रान्त जैसे पराक्रमी पुत्रों के पिता राजा जल्प वानप्रस्थ अवस्था को अनुभव कर अपने राज्य को पांचों पुत्रों में विभाजित करने के बाद तपस्या के लिये वन में गये थे। इस बीच सबसे छोटे पुत्र विक्रान्त ने तंत्र शक्ति के माध्यम से एक कृत्या को उत्पन्न किया, जिसने उसके सभी भाईयों, पुरोहितों, सेवकों आदि का नाश कर दिया। सबका विनाश होने के कारण विक्रान्त एकछत्र राजा बन बैठा। यह बात जब तपस्यारत राजा जल्प को मालूम पड़ी, तो वह क्रोधित हो उठा। राजा ने तपस्या बीच में ही छोड़ वशिष्ठ मुनि के पास आकर उनसे इस कष्ट से निवृत्त होने का उपाय पूछा। वशिष्ठ मुनि ने राजा जल्प को महाकाल वन स्थित परशुराम द्वारा स्थापित और पूजित इस दिव्य लिंग की उपासना करने को कहा। राजा जल्प ने वैसा ही किया, जिसके प्रभाव से वह संसार से मुक्त हो गया तथा उसे भगवान शिव की अनन्य भक्ति भी प्राप्त हो गई।
जल्पेश्वर महादेव मन्दिर में सेवादार बंशीलाल नामदेव ने बताया कि “सोमवती अमावस्या को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिये बहुत अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। इससे पहले कभी ऐसी सुविधा नहीं देखी। कुण्ड के जल को भी स्वच्छ और निर्मल कर दिया गया है। यहां भरपूर पानी है। श्रद्धालु जब सोमवती के स्नान के लिये यहां आयेंगे तो उन्हें किसी भी तरह की असुविधा महसूस नहीं होगी।”
रामघाट पर भी स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखकर पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। चलित शौचालय लगाये गये हैं तथा महिलाओं के लिये वस्त्र बदलने के कक्ष को रंग-रोगन किया गया है तथा वहां बोर्ड लगा दिये गये हैं। रामघाट पर पर्याप्त संख्या में होमगार्ड के सैनिक स्नान पर्व पर पूरे समय तैनात रहेंगे। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये होमगार्ड की चार नावें तथा दो हजार लाईफ सेविंग जैकेट भी रखे गये हैं। ज्ञात हो कि सोमवती पर्व का स्नान रविवार रात्रि से ही प्रारम्भ हो जायेगा। इसी तरह त्रिवेणी घाट पर भी स्नान की व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की गई हैं।