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किसान मित्र, दीदी संघ ने सांसद को सौंपा तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन


 

उज्जैन। किसान मित्र, दीदी संघ जिला इकाई द्वारा तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सांसद चिंतामणि मालवीय को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की कि ग्राम पंचायत लगने वाला ठहरावा प्रस्ताव बंद किया जाए, नियमितिकरण कर कृषि विभाग का कर्मचारी बनाया जाए तब तक सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दी जावें। साथ ही किसान मित्र, किसान दीदी का पद रिक्त होने की स्थिति में उसके परिवार के सदस्य को प्राथमिकता दी जाए। 

जिलाध्यक्ष रामप्रसाद परमार के अनुसार किसान मित्र, किसान दीदी भारत सरकार द्वारा संचालित आत्मा परियोजना के अंतर्गत 10 वर्षों से कार्य कर रहे हैं इसके बदले राज्य सरकार द्वारा 16.43 पैसे के हिसाब से प्रतिवर्ष मात्र 6 हजार रूपये दिये जाते हैं। इस राशि का भी वर्ष में दो बार टुकड़ों में भुगतान किया जाता है। राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित 18 कार्यों के अतिरिक्त शासन की योजना अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जो कार्य दिया जाता है उसे हम निष्ठापूर्ण निर्वाहन करते हैं। हम अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार मुख्यमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन आज तक संतोषजनक आश्वासन नहीं दिया गया। भारत में किसान मित्र, किसान दीदी की संख्या 5 लाख से अधिक है एवं मध्यप्रदेश में 32 हजार है। मध्यप्रदेश में ग्राम सेवक पद 8 हजार है, वर्तमान संख्या 4500 है। इनका वेतन 40 हजार से 60 हजार है जबकि वही समान कार्य किसान मित्रों से 500 रूपये प्रतिमाह में करवाया जा रहा है। किसान मित्र, किसान दीदी को अकारण हटाया जाना उचित नहीं है, किसी भी प्रकार की गलती होने पर विशेष विभागीय जांच का प्रावधान होना चाहिये। इस संदर्भ में निवेदन है कि किसान मित्र, किसान दीदी को जब तक आत्मापरियोजना मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाई जाये तब तक इनकी आजीविका का स्त्रोत बनाए बिना हटाने का कोई प्रावधान नहीं होना चाहिये। जिलाध्यक्ष रामप्रसाद परमार के साथ जिला सचिव संजय कराड़ा, उपाध्यक्ष सुमेरसिंह पंवार, शंभूसिंह चौहान, भागीरथ सोती आदि ने सांसद को ज्ञापन सौंपकर मांगों का निराकरण करने की मांग की। 

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