स्वास्थ्य संस्थाओं में ढील-पोल नहीं चलेगी, अस्पतालों का रात्रि में भी निरीक्षण होगा
अनुपस्थित रहने वाले सेवकों पर होगी कड़ी कार्यवाही
कलेक्टर श्री मिश्र ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिये निर्देश
उज्जैन । कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने जिला स्वास्थ्य समिति की 28 जनवरी को बृहस्पति भवन में बैठक लेकर निर्देश दिये हैं कि स्वास्थ्य संस्थाओं में किसी भी प्रकार की ढील-पोल बर्दाश्त नहीं होगी। अस्पतालों का रात्रि में भी उनके द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। इस दौरान ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले स्वास्थ्य सेवकों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। स्वास्थ्य सेवक पूर्ण ईमानदारी के साथ अपनी सेवाएं दें। स्वास्थ्य संस्थाओं में उचित व्यवस्था रखी जाये। अस्पतालों में जिन चिकित्सकों की रात्रिकालीन ड्यूटी रहती है, वे अनिवार्य रूप से ड्यूटी पर उपस्थित रहें। गर्भवती माताओं के टीकाकरण की कार्यवाही समय-सीमा में की जाये। इस कार्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ की मदद ली जाये।
कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की क्रमवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि स्वास्थ्य विभाग में चल रही भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन समय-सीमा में पूर्ण किया जाये। शासन द्वारा दिये गये लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाये। आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि समय पर उन्हें उपलब्ध कराई जाना सुनिश्चित करें। जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन्हें समय पर पूरा किया जाये। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान दिया जाये। कलेक्टर ने झारड़ा एवं इंगोरिया अस्पताल में किये गये कार्य की गुणवत्ता में कमी होने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि कार्य ठीक से किया जाये, वर्ना सम्बन्धित ठेकेदार से रिकवरी और सम्बन्धित अधिकारी की विभागीय जांच की जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि बैठकों में अधिकारी योजनाओं की आधी-अधूरी जानकारी लेकर उपस्थित न हों।
उज्जैन जिला राज्य में टॉप-10 में शामिल
कलेक्टर ने बैठक में मीजल्स रूबेला (एम.आर.) विशेष टीकाकरण अभियान की समीक्षा की। इस दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार ने मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान 15 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है और 15 फरवरी तक चलाया जायेगा। इस अभियान में 09 माह से 15 वर्ष तक के समस्त बच्चों को केवल एक सिंगल डोज एम.आर. का टीका लगाकर मीजल्स एवं रूबेला दोनों बीमारियों का उन्मूलन किया जा सकेगा। एम.आर. का टीका बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये आवश्यक है। इसके पूर्व भी विभाग द्वारा इसी प्रकार के अभियान चलाकर, पोलियो, चैचक, हेजा, स्मॉल पाक्स बीमारियों का उन्मूलन किया गया है। इसी प्रकार इन दो बीमारियों का उन्मूलन भी इस अभियान के माध्यम से किया जा रहा है। डॉ.परमार ने बताया कि जिले में एम.आर. टीकाकरण अभियान के दौरान 15 जनवरी से अभी तक 221785 बच्चों का सफलतापूर्वक टीकाकरण किया जा चुका है। एम.आर. अभियान में टीकाकरण की उपलब्धी मे आज की स्थिति मे उज्जैन जिला राज्य मे टॉप-10 में शामिल हो गया है। एम.आर. अभियान में सतत् मॉनीटरिंग एवं सुपरविजन हेतु जिले मे झोनल अधिकारियों की ड्युटी भी लगाई गई है जो पूरे अभियान पर सतत् निगरानी रखे हुए हैं।
बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय टीकाकरण, राष्ट्रीय परिवार कल्याण, राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण, राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन, राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण, महिला एवं पुरूष नसबन्दी, मलेरिया, टीबी, स्वाईन फ्लू, गर्भवती माताओं को टीकाकरण, जननी सुरक्षा परिवहन, कुपोषण पुनर्वास केन्द्र, मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना, डायलेसिस, आयुष्मान भारत आदि योजनाओं पर विस्तार से समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उक्त कार्यक्रमों एवं योजनाओं की विस्तार से जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय, सिविल सर्जन डॉ.पीएन वर्मा, डीएचओ डॉ.अनीता, डीटीओ डॉ.सुनीता परमार, डीपीएम डॉ.परविंदर बग्गा, जिले के समस्त ब्लॉक मेडिकल आफिसर, समस्त बीपीएम एवं बीसीएम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक श्री गुरूदत्त पांडे, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री जीपी पटेल आदि उपस्थित थे।