म्हाकालेश्वर से पहले कपिला गौशाला जाना था, प्रदूषण फैलाकर चले गये पर्यावरण मंत्री !
गांधी के सत्याग्रह का अपमान करने वाले मदांध सत्ताधारियों के विरूद्ध
गांधी निर्वाण दिवस से उज्जयिनी में आमरण अनशन - आचार्य सत्यम्
उज्जैन। अविरल गंगा के संकल्प के साथ महिनों अनशनरत् रहकर स्वर्गस्थ हुए स्वामी निगमानन्द और स्वामी ज्ञानसानंद के मार्ग का अनुसरण करते हुए नकली राष्ट्रभक्त शासकों के विरूद्ध तथा उनके द्वारा बनाए गए देश के करोड़ों अकर्मण्य नागरिकों को जगाने के लिए हम भी 30 जनवरी से उज्जयिनी में ही अविरल शिप्रा और गोपाल की गैय्या-मैय्या की प्राणरक्षा तथा यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता का उद्घोष करने वाले हमारे महान राष्ट्र के माथे पर लगे मासूम कन्याओं पर भी दुष्कर्मों और उनकी हत्याओं के कलंक को धोने के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने के लिए संकल्पित हैं।
उपरोक्त आशय का वक्तव्य मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम् ने प्रसारित कर बताया कि नकली किसान पुत्र और मामा के राज से मुक्त होकर प्रदेष की जनता ने राहुल ब्रिगेड की नकली गांधीवादी पंगु सरकार से जो अपेक्षाएं की थीं, वे एक महिने में ही धुमिल हो गई। हमारे तीन सत्याग्रहों को अनदेखा कर नाथ सरकार ने गोपाल की गुरूकुल नगरी में ही निगम की कपिला गौषाला में ही गोहत्या की सेंचुरी मारने का निष्चय कर रखा है। हर पंचायत में गौषाला की स्थापना के जुमले के साथ सत्ता में आई सरकार ने पूत की तरह अपने लक्षण पालने में ही दिखा दिए हैं। इस सरकार से अब हमें कोई आषा नहीं है, इसलिए प्रदेष और देष की राजधानी में प्रस्तावित हमारे सत्याग्रहों और आमरण अनषन अब नंदीवंष के संरक्षक बाबा महाकालेष्वर तथा योगेष्वर श्रीकृष्ण गोपाल की गुरूकुल नगरी में ही गांधी निर्वाण दिवस से प्रारंभ होंगे। आचार्य सत्यम् ने आरोप लगाया कि हेरिटेज के बाद स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों के जन-धन का भोजन करने वाले नकली राम और गांधी भक्त षासक-प्रषासक न तो स्वच्छता अभियान में महाकालेष्वर के रूद्रसागर की सफाई कर सके और न ही कपिला गौषाला में सैंकड़ों गायां को कैद कर उनकी हत्या का जघन्य अपराध करने से भी बाज आये। पोलीथिन खाकर गायों के मरने का दावा करने वाले उनका उपचार नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि यह नग्न सत्य है कि गैय्या-मैय्या भूख के कारण तिल-तिल मर रही हैं। करोड़ों के खर्च के बाद न तो हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही उसको काटने के लिए कुट्टी मषीन की। मालव रक्षा अनुष्ठान उज्जयिनी की धर्मप्राण जनता का आव्हान करता है कि न केवल कपिला अपितु नगरी की सभी गौषालाओं में हरे चारे, कुट्टी मषीनों, भूसे तथा पेयजल और उपचार की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए आगे आऐं। आमरण-अनषन से पूर्व आचार्य सत्यम् जन-सहयोग से यह व्यवस्था चाहते हैं। उन्होंने महाकालेष्वर और गोपाल के भक्तों का आव्हान किया कि मंदिरों और गुरूकुलों में पेटभरों को दान करने के स्थान पर गैय्या-मैय्या और षिप्रा मैय्या की रक्षा करना परम् धर्म है।