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उज्जैनी श्री चिड़ार समाज विकास समिति भंग



अध्यक्ष पद को लेकर बन रही असमंजस की स्थिति का पटाक्षेप नहीं होने पर समाजजनों ने लिया निर्णय
उज्जैन। समाज में अध्यक्ष पद को लेकर बनी असमंजस की स्थिति का पटाक्षेप नहीं हो पाने के कारण समाजजनों ने एक जाजम पर बैठकर उज्जैनी श्री चिड़ार समाज विकास समिति को भंग कर दिया है। जब तक इस मामले में सामंजस्य नहीं बैठ जाता समिति के नाम पर कोई आयोजन नहीं होगा, साथ ही समिति के नाम से समाजजनों से किसी प्रकार का कोई चंदा नहीं लिया जाएगा यदि चंदा लेने या समिति के नाम से कोई आयोजन सामने आया तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 
समिति उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गोईया ने बताया कि उक्त निर्णय उज्जैन के श्री चिड़ार समाजजनों द्वारा आयोजित बैठक में लिया गया। समाज के पूर्व अध्यक्ष नरेश आठिया द्वारा इस्तीफा देने के बाद भी खुद को अध्यक्ष बताकर समाजजनों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई है। नरेश आठिया द्वारा 10 जून 2018 को समाज के सदस्यों के सामने बिजासन माता मंदिर में आयोजित बैठक में सार्वजनिक रूप से इस्तीफा दे दिया था, इसी दिन उन्हीं की उपस्थिति में एक माह के लिए समाज के किशोर शेरा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद 29 जुलाई 2018 को समाजजनों की बैठक हुई तथा सर्वसम्मति से नरेश आठिया की उपस्थिति में ही समिति के उपाध्यक्ष भगवानदास ब्रामनिया को दो वर्ष के लिए अध्यक्ष बना दिया गया। लेकिन कुछ समय पश्चात ही नरेश आठिया द्वारा खुद को अध्यक्ष घोषित किया और इस बात का प्रचार किया जाने लगा कि 3 साल के लिए अध्यक्ष वे ही हैं। इससे समाज में भ्रम की स्थिति फैल गई तथा विवाद की स्थिति बन गई जो अब तक बनी हुई है इसीलिए समाजजनों ने एक जाजम पर बैठकर निर्णय लिया कि उज्जैनी श्री चिड़ार समाज विकास समिति को भंग कर दिया जाकर इस विवाद का पटाक्षेप किया जाए। बैठक में समाज संरक्षक हरिनारायण हनुमन्तैयार, पुरूषोत्तम मगरे, रामेश्वर गोईया, शिवनारायण धंधेरे, रामदयाल गोईया, पूर्व अध्यक्ष प्रेमनारायण आठिया ने संबोधित किया। इस अवसर पर रामकिशन भरतरिया, भगवानदास हनुमन्तैया, संतोष ब्रामनिया, कमलेश धंधेरे, प्रेमनारायण बरहा, बारेलाल, दीपक धंधेरे, देवीसिंह गोईया, हेमंत गेहलोत, महेश आठिया, संदीप हनुमन्तैया, मूलचंद सोनी, शंकरलाल गेहलोत, रमेशसिंह, मोहनसिंह चंदेल, हरप्रसाद चंदेल, राहुल धंधेरे, पवन गेहलोत, सुनील धंधेरे, बंटी गेहलोत, सन्नी गोईया, सचिन मगरे, राहुल आठिया, शुभम गोईया, अजय आठिया, दीपक गेहलोत सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे।
सोशल मीडिया पर भी दिया था इस्तीफा
नरेश आठिया ने 10 जून 2018 को जब अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था तब उसके एक दिन बाद 12 जून को दूसरे दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पोस्ट डाली थी। जिसमें उन्होंने स्वयं के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात लिखी थी साथ ही 1 वर्ष के लिए सेवा देने तथा एक माह के लिए शेहरा को अध्यक्ष बनाने की बात का उल्लेख किया था।
चुनाव के माध्यम से ही चुनेंगे अध्यक्ष
समाजजनों ने बैठक में निर्णय लिया कि अब जो भी अध्यक्ष चुना जाएगा वह दो-चार लोगों के बीच नहीं बल्कि पूरे समाज के समक्ष चुनाव के माध्यम से चुना जाएगा। वर्तमान अध्यक्ष भगवानदास ब्रामनिया की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी जो चुनाव करवाएगी। चुनाव हेतु सभी समाजजनों को एक जाजम पर एकत्रित किया जाएगा और सभी की उपस्थिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव, सहसचिव चुने जाएंगे। यही लोग अन्य कार्यकारिणी सदस्य चुनेंगे जिसे समाज मान्य करेगा।
भांजा मीडिया प्रभारी, भांजी को बनाया महिला अध्यक्ष
समाज में नरेश आठिया द्वारा मनमाने निर्णय लेने से भी आक्रोश है, जब वे अध्यक्ष पद पर थे तब समाज के पारिवारिक परिचय सम्मेलन में उन्होंने इंदौर निवासी उनके भांजे को मीडिया प्रभारी बनाया था जबकि जिला समिति में किसी भी बाहरी व्यक्ति को पद नहीं दिया जाता। वहीं समाज अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद खुद को अध्यक्ष बताते हुए उन्होंने अपनी भांजी को बाले-बाले महिला मंडल अध्यक्ष बना दिया। 
समाज अन्नकूट में, चार परिवार के साथ चुन ली अध्यक्ष
नरेश आठिया ने जिस दिन 18 नवंबर 2018 को अपनी भांजी को महिला मंडल अध्यक्ष बनाया उस दिन बिजासन माता मंदिर में समाज का अन्नकूट महोत्सव चल रहा था। ऐसे में जब 90 प्रतिशत समाज अन्नकूट महोत्सव में था उस समय में नरेश आठिया ने अपनी भांजी को चार-पांच परिवारों के बीच स्वयंभू अध्यक्ष चुन लिया। जो दो-तीन महिलाएं इनके परिवार से अलग गई उन्होंने भी इस बात पर आपत्ति जताई थी कि जिस आयोजन में समाज की महिलाएं ही नहीं वहां महिला अध्यक्ष कैसे चुनेंगे।

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