शासन की धार्मिक समितियों में मठ मंदिर से जुड़े पुजारियों को मिले प्रतिनिधित्व
उज्जैन। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री को फेक्स द्वारा अवगत कराया गया कि शासन स्तर पर आध्यात्मिक विभाग द्वारा जो भी समितियां प्रदेश में गठित हो उसमें पुजारियों का प्रतिनिधित्व हो।
यह मांग अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक महेश पुजारी ने की है तथा यह भी शंका व्यक्त की है कि यदि पुजारियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला तो मंदिर की परंपराओं को नुकसान होगा और पुजारियों पर साधु संत अपना प्रभुत्व जमाकर प्रताड़ित करेंगे। इसलिए भगवान महाकाल के दर्शन के वक्त भी मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत कराया गया है। महेश पुजारी ने कहा कि मठ मंदिर की दो धाराएं हैं जिसमें पुजारी एवं संत आते हैं, मंदिरों की पूजा पाठ पुजारी वर्ग करता है तथा मठ और आश्रम साधु संत देखते हैं। विगत सरकार द्वारा मठ मंदिर की समितियों में केवल साधुओं को ही स्थान देने से मंदिर की परंपराओं को नुकसान एवं क्षति के साथ पुजारियों का भी अहित हुआ है। पुजारियों के लिए अखिल भारतीय पुजारी महासंघ 35 वर्षों से संघर्षरत होकर पुजारियों की समस्याओं के लिए कार्य करता रहा है। आपने पत्र में समान सदस्य संख्या रखते हुए पुजारी और संत की समान रखी जाने का अनुरोध किया है। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने यह भी शंका व्यक्त की है कि साधु संत पुजारियों का हित नहीं करेंगे, पिछली सरकार में ऐसा ही हुआ है।